गुवा। किरीबुरु थाना प्रभारी मुनाजीर हसन के नेतृत्व में पुलिस टीम ने 1 अप्रैल की अहले सुबह गुप्त सूचना के आधार पर किरीबुरु-बडा़जामदा मुख्य मार्ग पर ॐ शांति स्थल मंदिर के समीप अवैध स्क्रैप लदा लाल रंग की बोलेरो वाहन (जेएच06जी-5413) के साथ तीन स्क्रैप चोरों को पकड़ने में बडी़ सफलता प्राप्त की है। पकडे़ गये स्क्रैप चोरों में किरीबुरु के मेन मार्केट निवासी चर्चित मांस-मुर्गा, सब्जी आदि कारोबारी यार मोहम्मद, सुनील करुवा एवं सुशील गोप शामिल है। यार मोहम्मद पहले भी नकली नोट का कारोबार करने का आरोपी रहा है तथा उस मामले में वह जेल भी गया है।
वह अपनी बोलेरो का पीछे का सभी सीट को खोलकर उसमें लगभग डेढ़ टन अवैध स्क्रैप लोड कर बडा़जामदा की तरफ जा रहा था। इसी दौरान गुप्त सूचना व वाहन जांच के क्रम में किरीबुरु पुलिस ने सभी को अवैध स्क्रैप लदे वाहन के साथ गिरफ्तार करने में सफलता पायी है। यार मोहम्मद की गिरफ्तारी शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। परिवार के लोग भी परेशान हैं। दूसरी तरफ किरीबुरु शहर से झारखण्ड और ओडिशा के विभिन्न शहरों में जाने हेतु दो मात्र मार्ग है। दोनों मार्ग पर सीआईएसएफ का टीआर एवं जीआर गेट रूपी चेकनाका है।
अवैध स्क्रैप लोड बोलेरो टीआर गेट से बिना जाँच के कैसे पार हो गई। स्वाभाविक है कि गेट पर तैनात जवान की सांठगांठ इन माफियाओं से रही होगी। गेट पर सीसीटीवी कैमरा भी लगा है। इस मामले की जांच सीआईएसएफ को भी कर अपने दोषी जवानों पर कार्यवाही करनी चाहिये। क्योंकि लोग अब सवाल उठाने लगे हैं कि दो दिन पहले हीं किरीबुरु का एक दुकानदार नया एसी मशीन लेकर अपनी वाहन से गुवा लेकर जा रहा था।
एसी का जीएसटी पेपर दिखाने के बावजूद उस मशीन को सीआईएसएफ ने गेट से ले जाने नहीं देकर परेशान किया गया। जबकि ऐसे माफियाओं का वाहन बिना जांच के पार हो जाता है। यह चेकनाका सिर्फ खानापूर्ती के लिये बना है, इससे आम जनता को परेशानी होती है जबकि चोर-माफियाओं का वाहन खुलेआम पार हो जाता है। हालांकि प्रायः सीआईएसएफ अपनी ड्यूटी वफादारी के साथ करते हैं, लेकिन कुछ लोगों की वजह से सीआईएसएफ पर भी दाग लग रहा है। विभाग को ऐसे जवानों की पहचान करने की जरुरत है। पुलिस भी पूरे मामले की जाँच कर रही है।
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