जगन्नाथपुर। जगन्नाथपुर अनुमंडल पुलिस ने रविवार की देर रात में करीब दो घंटे तक अवैध नशा का करोबार करने वाले व्यक्ति के घर मे छापामारी अभियान चला कर भारी मात्रा में कोडिंन सिरप, गाड़ी सहित नगद 2.18 लाख रुपए बरामद किया हैं। जबकि आरोपी फरार हो गया है। इस अभियान में एएसपी अमित आनंद जगन्नाथपुर थाना प्रभारी शिवनारायण तिवारी व जिला से आये सुरक्षा बल शामिल थे। छापामारी का नेतृत्व एएसपी अमित आनंद ने किया। करीब दो घंटा तक चली इस छापामरी में पुलिस प्रशासन व पदाधिकारियों को बड़ी सफलता मिली। छापामारी के दौरान जगन्नाथपुर मौलानगर के मशरुर आलम उर्फ कोटे घर से भारी मात्रा में कोडिंन सिरप पर्दार्थ बरामद किया।
छापामारी टीम कोटे के घर से 7 पेटी कोडिंन सिरप खुला खुदरा बोतल का बोतल बरामद हुई है। जिसमें कोडिन वनरेक्स कफ सिरफ (100 एमएल) का 600 पीस तथा कोडिन विनसिरेक्स कफ सिरप 174 पीस बरामद हुई साथ ही 2 लाख 18 हजार 200 नगद तथा मारुति 800 कर एवं बिना नंबर प्लेट का होंडा स्कूटी बरामद किया गया।
छापामारी की खबर मिलने के बाद मशरुर आलम उर्फ कोटे फरार हो गया है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए छापामारी कर रही है। पुलिस इस मामले पर भी जांच कर रही। पूर्व में भी जगन्नाथपुर व हाटगम्हरिया थाना में कोडिंन सिरप के लिए छापामरी बड़ी मात्रा में हुई थी सिरप का पेटी जप्त। दो आरोपी जेल भेजा हैं।
पहला मामला : मालूम हो कि मार्च माह 2020 में जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के जगन्नाथपुर में एसडीओ व डीएसपी ने मारा था छापा। एक गिरफ्तार एक फरार चल रहा था। छापामारी के दौरान हसन इमाम उर्फ बड़का के घर से 65 फाइल कोडिंन सिरप एवं 552 टेबलेट बरामद किया था तथा उक्त नशीली दवा बिक्री के लिए बने काउंटर के ड्रावर से 3 लाख 12 हजार 700 रूपया नगद भी बरामद किया था। वहीं जगन्नाथपुर के ही एक व्यक्ति के घर से 500 फाइल कोडिंन सिरप बरामद किया गया था। उक्त आलोक में जगन्नाथपुर थाना में व्यक्ति एवं बड़का दोनों थाना जगन्नाथपुर जिला पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा के विरूद्ध जगन्नाथपुर थाना में मामला दर्ज किया गया था। और दोनों को एक जगन्नाथपुर व दुसरा हाटगम्हरिया थाना पुलिस ने जेल भेजा था। अनुसंधान के क्रम में अभियुक्त व्यक्ति को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में रखने हेतु न्यायालय चाईबासा में भेजा जा चुका है। एक फरार चल रहा था।
छापामारी के दौरान बड़का के घर से 65 फाइल सिरप एवं 552 टेबलेट बरामद किया गया था तथा उक्त नशीली दवा बिक्री के लिए बने काउंटर के ड्रावर से 3 लाख 12 हजार 700 रूपया नगद भी बरामद किया गया था। वहीं दुसरे व्यक्ति के घर से 500 फाइल कोरेक्स सिरप बरामद किया गया था। उक्त आलोक में जगन्नाथपुर थाना में एक व्यक्ति एवं बड़का दोनों थाना जगन्नाथपुर जिला पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा के विरूद्ध जगन्नाथपुर थाना में मामला दर्ज किया गया था। अनुसंधान के क्रम में अभियुक्त व्यक्ति को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में रखने हेतु न्यायालय चाईबासा में भेजा जा चुका है।
दूसरा मामला : वहीं 13 जून 2020 में पूर्व हाटगम्हरिया थाना क्षेत्र के कोचड़ा गाँव में एक सफेद रंग की सेंट्रो कार जिसका गाड़ी इधर उधर गली मोहल्ला घूम रहा है। जिस पर उक्त गाड़ी को डीएसपी ने रुकवाया पूछताछ के क्रम में कार चालक अपना नाम बड़का बताया था। गाड़ी के तलाशी लेने पर एक 21 बीन कोरेक्स पाया गया था। बरामद बिन कोरेक्स सिरप के बारे में पूछताछ करने पर बड़का ने अपने स्वीकरोक्ति बयान में स्वीकार किया था कि वह अवैध रूप से नशा सेवन हेतु बीन कोरेक्स सिरप का बिक्री करने के लिए ले जा रहा था। इस संबंध में गाड़ी का कागजात मांगने पर कोई कागजात प्रस्तुत नहीं हुई थी। और ना ही कोई संतोषजनक जवाब दिया। पकड़े व्यक्ति के पास से दो मोबाइल व 7680/रुपये नगद व कार सहित 21 पेटी विन सिरप के साथ आरोपी बड़का को गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद बड़का को मंडलकारा चाईबासा जेल भेजा था।
बच्चों युवाओं में मादक पदार्थों की लत बढ़ : बच्चों युवाओं में मादक पदार्थों की लत बढ़ रही है। नशे की यह आदत चोरी, लूटपाट दुष्कर्म की घटनाओं को बढ़ावा दे रही है। बच्चों को लगता है कि नशा करने से निराश, तनाव अकेलेपन को दूर किया जा सकता है, लेकिन इन्हें क्या पता कि यह तो एक बीमारी है, जिसके वे शिकार हो रहे हैं। वहीं, वे अपने कैरियर के साथ खिलवाड़ भी कर रहे हैं। जगन्नाथपुर अनुमंडल के अलग-अलग वार्डो और गांवों के युवा पूरी तरह नशे की चपेट में हैं। खांसी में उपयोग आनेवाली दवा कोरेक्स की मांग बढ़ गई है। इसका उपयोग नशा उत्पाद के रूप में होता है, इसलिए इस पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। कोरेक्स की सप्लाई बंद है। इसके बावजूद सिरप की बिक्री अवैध तरीके से जारी है।
युवा नशे के लत में है पागल : नशे के रूप में इसका इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति रोजाना 5-6 बोतल कोरेक्स गटक जाता है। फेंसीड्रील कफ सिरप पर भी युवा जोर देते हैं। कई किशोरों ने तो नशापान को अपना फैशन बना लिया है। बचपना, किशोरावस्था सिसक रहा है, पर समाज के जवाबदार लोग खामोश हैं। इसे रोकने के लिए समाज की ओर से भी सार्थक पहल नहीं हो रहा है।
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