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झारखंड मंत्री के पीए का नौकर के घर से ED को मिला नोटों का पहाड़, अधिकारियों के होश उड़े, ED found a mountain of currency notes from the house of Jharkhand minister's PA's servant, officials were shocked.

 


रांची। लोकसभा चुनाव के दौरान झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई जारी है। ईडी ने सोमवार की सुबह झारखंड के रांची में बड़ी कार्रवाई करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर करीब 6 स्थानों पर रेड की है। ED की ये कार्रवाई मंत्री आलमगीर आलम के पीए संजीव लाल के नौकर के घर से और निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम और उनके करीबियों के ठिकानों पर की जा रही है। 




ईडी की इस छापेमारी के दौरान झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीए संजीव लाल के घरेलू नौकर के घर से भारी मात्रा में नगद राशि बरामद किया है। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि सुबह 9:30 बजे तक 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की गिनती हो चुकी थी। नोटों की गिनती अब भी की जा रही है। छापेमारी में सेल सिटी समेत कई जगहों पर ईडी की टीम पहुंची है। बता दें कि चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम टेंडर कमीशन घोटाले में निलंबित हैं।


मंत्री पीए के नौकर के घर से भारी मात्रा में कैश बरामद : प्रवर्तन निदेशालय रांची में कई ठिकानों पर छापेमारी कर रहा है। वीरेंद्र राम मामले में झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीए संजीव लाल के नौकर के यहां से भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई है। ईडी ने कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फरवरी 2023 में झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र के. राम को गिरफ्तार किया था।


22 फरवरी 2023 को हुई थी गिरफ्तारी : प्रवर्तन निदेशालय ने टेंडर में कमीशन घोटाले को लेकर 22 फरवरी 2023 को वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया था। इससे एक दिन पहले 21 फरवरी को ईडी ने वीरेंद्र के 24 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान ईडी को लगभग डेढ़ करोड़ के जेवरात समेत देश के कई शहरों में करोड़ों के निवेश से जुड़े दस्तावेज मिले थे। वहीं चार्जशीट में वीरेंद्र के अलावा टेंडर मैनेज कर अवैध कमाई करने वाले लोगों के बारे में भी जानकारी दी गयी है। साथ ही यह भी बताया गया है कि किस-किस को कितना हिस्सा मिलता था और किसकी क्या भूमिका थी.


ईडी पूछताछ में क्या बताया था? दरअसल, वीरेंद्र राम ने खुद ईडी के सामने यह बात कबूल की थी कि उसने आईटीआर में सारी जानकारी गलत दी थी। उसके खाते में साल 2014-15 व 2018-19 के दौरान 9.30 करोड़ व दिसंबर 22 से जनवरी 2023 के बीच 4.50 करोड़ रुपये उसके जीवन भर की कमाई से कहीं अधिक है. ईडी ने जांच में पाया है कि साल 2019 के बाद वीरेंद्र राम व उसके चचेरे भाई आलोक रंजन एक साथ कई बार दिल्ली गए। साथ ही हर बार मोटी रकम वे साथ ले जाते थे और ये रकम सीए मुकेश मित्तल को हैंडओवर किया जाता था।



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