गुवा। सारंडा के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र लिपुंगा गांव में तीन दिवसीय छाता पोरोब का आयोजन किया। ज्ञात हो कि छाता मेला पर्व आदिवासियों के पौराणिक व विलुप्त होता लोकप्रिय पर्व है। यह गर्मी के मौसम में आयोजित किया जाता है। इसे जेठ पर्व भी कहा जाता हैं।
पर्व के दौरान कच्चे बांस में रंगीन छतरी लगाकर खड़ा किया जाता है। इसके बाद विधिवत पूजा-अर्चना के बाद ढोल, मांदर, नगाड़ों के बीच सारे लोग पारम्परिक नृत्य-गान कर छाता मेला पर्व मनाते हैं। तीन दिवसीय मेला छाता पोरब पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित किया गया। जिसमें विजेताओं को गांव के मुंडा ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
इस दौरान लिपुंगा गांव के ग्रामीण, युवक युक्तियां तथा बच्चों पारंपरिक ढोल नगाड़े के साथ हो नृत्य किया। इस दौरान मौके पर समाज सेवी दारा सिंह चाम्पिया, संजय चाम्पिया,मोतरा चाम्पिया,सुखलाल चाम्पिया, विरेन्द्र चाम्पिया,गोनो चाम्पिया,गुरा जेराई,बामिया तिरिया,हरिश चाम्पिया दिउरी सुरा चाम्पिया, गुरा चाम्पिया, सुलेमान चाम्पिया,डोंका चाम्पिया,हरिश चाम्पिया, मागेया चाम्पिया, बाबूलाल चाम्पिया,ग्रामीण मुण्डा चरण चाम्पिया सहित अन्य मौजूद थे।
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