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सेल की मेघाहातुबुरु खदान बंद हुआ तो तबाह हो जाएगा दो हजार ठेका मजदूर व उनके परिवार, If SAIL's Meghahatuburu mine is closed, two thousand contract laborers and their families will be devastated.


गुवा। महारत्न कंपनी का ताज पहने सेल की किरीबुरु-मेघाहातुबुरु खदान बंद होने वाली है ! इस खदान के सेलकर्मियों को क्या दूसरे खदानों में स्थानान्तरित किया जायेगा ! या दोनों खदानों में काम करने वाले लगभग डेढ़-दो हजार ठेका मजदूर बेरोजगार हो जायेंगे ! ऐसी तमाम सवालें किरीबुरु-मेघाहातुबुरु एवं आसपास के लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। यह सवाल सबकी जिंदगी से जुड़ा है। जबाब किसी के पास नहीं है। लोगों को नहीं मिल पा रहा है। उल्लेखनीय है कि सेल के किरीबुरु-मेघाहातुबुरु की साउथ एवं सेंट्रल ब्लॉक का लीज से संबंधित फारेस्ट क्लियरेंस को अब तक स्वीकृत नहीं मिला है। 




इस कारण दोनों खदानों का अस्तित्व खतरे में पड़ा हुआ है। अब खबर आयी है कि मेघाहातुबुरु खदान में खनन हेतु लौह अयस्क बचा ही नहीं है। खदान के विभिन्न हिस्सों से लो ग्रेड का अयस्क उठाकर काफी कम मात्रा में सेल की स्टील प्लांटों में भेजा जा रहा है। यही हाल सेल की किरीबुरु खदान का भी है। हालांकि किरीबुरु खादान में अभी कुछ सालों के लिए लौह अयस्क बचा हुआ है, लेकिन इससे अधिक दिन काम चलना मुश्किल है। दोनों खदानों का लीज का मामला करीब आठ-दस सालों से लटका हुआ है। इसकी वजह वन्यजीव संरक्षण प्लान से जुड़ी योजना है। प्लान सारंडा जंगल में निवास करने वाले वन्यप्राणियों की सुरक्षा व संरक्षण से संबंधित है। 


सेल की मेघाहातुबुरु माइंस से जुड़े आधिकारिक सूत्रधार ने बताया कि इस खदान का वार्षिक उत्पादन लक्ष्य चार मिलियन टन से घटाकर 2.5 मिलिनयन टन कर दिया गया है। यहां काम अधिक नहीं होने की वजह से मेघाहातुबुरु खदान से 100-100 टन क्षमता का दो हौलपैक डंपर को किरीबुरु खदान में भेजा जा रहा है। दूसरी तरफ सेल की मनोहरपुर लौह अयस्क खदान (चिडि़या खदान) जहां लौह अयस्क का भंडार सबसे अधिक है का अस्तित्व भी खतरे में है। इस खदान के विस्तारीकरण की स्वीकृति नहीं मिलने अर्थात यह खदान भी बंद होने के कगार पर है। मजदूरों को होने वाले आय की वजह से स्थानीय बाजार चलते हैं, उनका क्या होगा। 


लोगों के सामने भूखमरी की समस्या पैदा होने लगेगी। शहर व गांवों से पलायन शुरु होगा। जब पैसा खर्च करने वाले नहीं होंगे तो सारंडा के किसानों व ग्रामीणों का कृषि व वनोत्पाद को हाट-बाजार में कौन खरीदेगा। सारंडा के मरीजों का मुफ्त चिकित्सा सुविधा सेल की किरीबुरु-मेघाहातुबुरु, गुवा, चिडिय़ा खदानें उपलब्ध कराती है। जब खादान बंद हो जायेगा, तब लोगों का इलाज कहां होगा।



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