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आरोपों-विवादों से पुराना व गहरा नाता रहा झारखंड कैडर के IFS अफसरों का, IFS officers of Jharkhand cadre have a long and deep connection with allegations and controversies.

 


रांची। झारखंड कैडर के आईएएस अफसर ही नहीं, बल्कि आईएफएस अफसर भी आरोपों और विवादों से जुदा नहीं हैं। कई अफसरों पर गंभीर आरोप हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ लीपापोती ही हो रही है। सूत्रों के अनुसार, इन अफसरों पर 200 करोड़ से अधिक की वित्तीय अनियमितता की है। यही नहीं एक अफसर वी जयराम को राज्य सरकार ने फरार तक घोषित कर दिया था, लेकिन वह मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया।



कैंपा फंड में घोटाला से लेकर तस्करी तक के आरोप : वन विभाग के अफसरों पर कैंपा फंड घोटाला से लेकर जानवरों की तस्करी तक के आरोप हैं। अफसरों पर प्रमुख रूप से हाथी दांत और जानवरों की खाल की तस्करी में सहयोग करने, अवैध आरा मिल को लाइसेंस देने, जंगल की जमीन बेचने, कैंपा फंड में घोटाला करने, एफडीए में सरकारी राशि का गबन,सोलर लैंप में घोटाला, सागवान-खैर की लकड़ी बेचने जैसे गंभीर आरोप हैं।


बिहार सरकार ने भी मांगी थी अभियोजन की स्वीकृति : बिहार सरकार ने झारखंड कैडर के तीन आईएफएस अफसरों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी। इसके बावजूद राज्य सरकार ने अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी। एकीकृत बिहार के समय इन अफसरों पर कई गंभीर आरोप थे। इन अफसरों में बीसी निगम, सर्वेश सिंघल और महेंद्र कर्दम शामिल हैं। इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। 


ऐसी है वन विभाग के घोटालों की फेहरिस्त : लातेहार सामाजिक वानिकी प्रक्षेत्र: बांस गैबियन लगाने में 75 लाख रुपये का गबन, जामताड़ा वन प्रमंडल : कुआं, तालाब और पौधारोपण के नाम पर तीन करोड़ की हेराफेरी, दुमका विश्व खाद्य प्रमंडल : नकद भुगतान के नाम पर तीन करोड़ रुपये की फर्जी निकासी, साहेबगंज वन प्रमंडल : 50 लाख पौधे के नाम पर 50 लाख रुपये का गबन, बोकारो वन प्रमंडल : पौधारोपण के नाम पर 50 लाख रुपये का गबन, पाटन वन क्षेत्र : पौधारोपण में चार लाख रुपये की अनियमितता, डालटनगंज वन रोपण प्रमंडल : सड़क किनारे पौधरोपण के नाम पर 10 लाख रुपये की हेराफेरी, हजारीबाग वन्य प्राणी प्रमंडल : मिट्टी खरीद के नाम पर 50 लाख रुपये का गबन, गुमला वन प्रमंडल : पौधारोपण के नाम पर 3 करोड़ रुपये राशि की निकासी, हजारीबाग नेशनल पार्क : मनरेगा के तहत 10 किलोमीटर में बांस गैबियन लगाना था, एक भी नहीं लगा. 50 लाख रुपये की अनियमितता। 


इन अफसरों पर लगे हैं गंभीर आरोप : रेंद्र कुमार : झारक्राफ्ट के पूर्व एमडी : हाथी दांत तस्करी का आरोप, प्रदीप कुमार : पूर्व पीसीसीएफ- मांस खरीद में अनियमितता का आरोप, सीपी खंडूजा : अवैध आरा मिल को लाइसेंस देने का आरोप, प्रदीप कुमार : जंगल की जमीन बेचने का आरोप, बीएन द्विवेदी : राशि गबन का आरोप, आरके सिन्हा : राशि गबन का आरोप, सत्यजीत सिंह : सागवान और खैर की लकड़ी बेचने का आरोप, केएन ठाकुर : सरकारी वाहन बेचने का आरोप, कुमार आशुतोष : एफडीए में सरकारी राशि के गबन का आरोप, अजीत कुमार सिंह : कैंपा फंड में घोटाला का आरोप, रवि रंजन : सरकारी राशि के गबन का आरोप।


इन अफसरों पर भी हैं गंभीर आरोप : बीसी निगम सर्वेश सिंगल, महेंद्र कदर्म, पीसी मिश्र, अरविंद कुमार, नरेंद्र मिश्र, एके प्रभाकर, बलराम खालखो, शिवाशीष राम, वी जयराम।



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