चक्रधरपुर। लोकसभा चुनाव के साथ साथ लोग अब अपनी एकजुटता भी दिखाने लगे हैं। ऐसा ही एक नजारा चक्रधरपुर के सुपर क्लब के काली मंदिर में देखने को मिला है। यहाँ बंगला भाषी समाज के लोगों ने एक बैठक कर बंगाली समुदाय को अपने हक़ और अधिकार के साथ साथ अपने आत्म सम्मान की रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। झारखण्ड बँगला भाषा उन्नयन समिति के तत्वावधान में छोटू काली मंदिर परिसर में यह एक विशेष बैठक की गयी।
जिसमें चक्रधरपुर, चाईबासा और जमशेदपुर के बांग्ला भाषी समाज के बुद्धिजीवी मुख्य रूप से शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता झारखण्ड बँगला भाषा उन्नयन समिति के सह सचिव देवी शंकर दत्ता उर्फ़ काबू दत्ता के द्वारा किया गया। बैठक में बताया गया की बुधवार 8 मई को बांग्ला भाषी समाज के गौरव विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेता कवि गुरु रविंद्रनाथ टैगोर की जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी।
इसको लेकर कोल्हान के चाईबासा में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन होगा। जिसमें बंगाली भाषा कला संस्कृति की झलक लोगों को देखने को मिलेगी। इसके अलावे आदित्यपुर में भी रविन्द्रनाथ टैगोर की जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी। दोनों जगहों पर बांगला भाषी समुदाय के लोग बड़ी संख्या में शामिल होंगे और अपनी एकजुटता का परिचय देंगे। इस बैठक में सबसे बड़ी बात जो निकलकर सामने आई है वह यह है की बांगला भाषी समाज के लोगों ने चुनावी माहौल में अपने समुदाय को मजबूत करने और उनके हितों की रक्षा करने का बड़ा निर्णय लिया है।
बैठक के दौरान देवीशंकर दत्ता उर्फ़ काबू दत्ता ने कहा है की बंगाली समुदाय के लोगों को अब जनप्रतिनिधि केवल वोट की मशीन समझने की भूल ना करें। बांग्ला भाषी समाज के लोगों की पश्चिम सिंहभूम में जनसंख्या तक़रीबन ढाई लाख है। उन्होंने कहा की कई वर्षों से देखा जा रहा है की झारखंड में बांग्ला भाषी समाज के लोगों को सरकार द्वारा उपेक्षित किया जा रहा है। इसलिए बंगाली समुदाय के लोग अब अपने हितों की रक्षा के साथ-साथ अपने आत्मसम्मान के लिए एकजुट हो चुके हैं। चुनाव में बंगाली समाज के लोग उसी प्रत्याशी का साथ देंगे जो धरातल पर सकारात्मक रूप से बंगाली समुदाय के उत्थान और उनके हितों की रक्षा का कार्य करेगा।
देवीशंकर दत्ता ने साफ़ कहा है की जो बांग्ला हित में बात करेगा वही झारखण्ड में राज करेगा। बैठक के दौरान सभी बांग्ला भाषी समाज के लोगों को एक मंच पर लाकर उन्हें सामाजिक रूप से मजबूत करने का मुख्य रूप से निर्णय लिया गया है। इसके अलावे स्कूलों में बांग्ला भाषा की पढाई शुरू करने, बांगला पुस्तक की छपाई करने, रेलवे स्टेशनों का नाम पहले की तरह बंगला भाषा में लिखने के साथ साथ समाज में परेशानी से घिरे लोगों की सामूहिक रूप से मदद करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में मनोज सरकार, राजेश राय, देवीशंकर दत्ता, असित, सुभाष सिंह राय, जुरान मुखर्जी, उज्जवल, बबलू, उज्जवल सेन, सुभाष चन्द्र दास, सुरोजीत चटर्जी, संदीप चटर्जी, अचिंता कुमार मंडल, प्रबीर कुमार चक्रवर्ती, नविन गुप्ता, बिकास बोस और डॉ श्रीकांत मुखर्जी सहित अन्य मौजूद थे।
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