चक्रधरपुर। पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर प्रखंड के हतना तोड़ग पंचायत के बरकानी गांव में रोड़ नहीं तो वोट नहीं का नारा लगाते हुए वोट का बहिष्कार कर दिया है। घटना की सूचना मिलते हैं चक्रधरपुर पोड़ाहाट अनुमंडल पदाधिकारी रीना हंसदा, अंचल अधिकारी गिरजानंद किस्कू, टोकलो थाना प्रभारी परमेश्वर उरांव घटना स्थल पहुंच कर ग्रामीणों को काफी समझाया, लेकिन ग्रामीण एकजुट दिखाते हुए वोट का बहिष्कार कर दिया।
जिस कारण से सोमवार को दिन के 11:00 तक मतदान केंद्र पर सन्नाटा पसरा रहा। जानकारी के अनुसार चक्रधरपुर प्रखंड बूथ संख्या 83 प्राथमिक विद्यालय बारकनी के मतदान केंद्र में एक भी मतदाता नहीं पहुंचे. पीठासीन पदाधिकारी मतदाता का इंतजार करता, लेकिन 4 घंटे बीत जाने के बाद भी एक भी मतदाता नहीं पहुंचा.इधर ग्रामीणों का कहना है कि गांव में सड़क की सुविधा नहीं होने के कारण वोट बहिष्कार किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व में जिला प्रशासन से सड़क को लेकर अवगत कराता गया, लेकिन अभी तक गांव में सड़क तक नहीं बना।
पक्की सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि बरसात के दिनों में सड़क पूरी तरह से कीचड़मय हो जाती है। गर्भवती महिलाओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अस्पताल ले जाने में काफी कठिनाई होती है। स्थानीय सांसद , विधायक को भी लगातार शिकायत किया गया था. लेकिन इसका समाधान नहीं हो पाया।
जिसके कारण ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। इधर एसडीओ रीना हंसदा ने ग्रामीणों से कहा कि सड़क निर्माण के लिए डीपीआर बनाया गया हैं. लेकिन अचार संहिता लगने के कारण सड़क नहीं बन रहा हैं. उन्होंने बताया कि पेटेढ़ीपा से बोंडी तक साढ़े 3 किलोमीटर सड़क 4 करोड़ 11 लाख 88 हजार 100 रुपये से सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली हैं। अचार संहिता के बाद सड़क निर्माण चालू किया जाएगा, लेकिन ग्रमीणो ने नहीं माने। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सड़क नही तब तक वोट नही देंगे. ग्रामीणों को समझाने के लिए एसडीओ रीना हांसदा मतदान केंद्र पहुंची। उन्होंने ग्रामीणों के साथ वार्ता किया और बताया कि आचार संहिता के बाद सड़क का निर्माण शुरू होगा। उसके बावजूद भी ग्रामीण वोट डालने के लिए नहीं माने। ग्रामीण एक बात पर अड़े रहे की जब तक गांव में सड़क नहीं बनेगा तब तक वोट नहीं देंगे. बूथ में 441 वोटर है. ग्रामीणों ने कहा कि जनप्रतिनिधि इस गांव को ध्यान नहीं देते हैं। जिसके कारण ग्रामीण नाराज हैं और वोट बहिष्कार कर दिये है।
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