लाकड़ी के प्राचीन ऐतिहासिक रोहिण मेला में उमड़ा आस्था का सैलाब
चांडिल। नीमडीह प्रखंड अंतर्गत लाकड़ी के ऐतिहासिक प्राचीन रोहिण मेला में मंगलवार देर रात तक आस्थाओं की सैलाब उमड़ा। श्रद्धालु भगवान शिव जी के पूजा अर्चना के साथ साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद भी उठाया। सोमवार सुबह से मंगलवार तक भक्तों ने भगवान शिव जी का पूजा अर्चना किया। सोमवार की रात में श्रद्धालुओं को रात्रि जागरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त दो दलों के बीच मानभूम शैली के छऊ नृत्य का आयोजन किया गया।
मंगलवार सुबह से भगवान शिव जी का पूजा अर्चना किया गया। दोपहर को झारखंड के प्राचीन पारंपरिक संताली पांटा नाच व शाम से देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मंगलवार को रोहिण मेला में भोक्ता टांगान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मेला में मुख्य अतिथि के रूप में आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव हरेलाल महतो उपस्थित होकर शिव मंदिर में माथा टेक कर क्षेत्र की सुख शांति के लिए प्रार्थना किया। उन्होंने दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म में आस्था है और आस्था से आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान का एक और महत्वपूर्ण पहलू आत्म-चिंतन का अभ्यास है।
इसमें अपने विचारों, भावनाओं और कार्यों पर चिंतन करने के लिए समय निकालना शामिल है ताकि खुद को गहराई से समझा जा सके। आत्म-चिंतन के माध्यम से, हम सीमित विश्वासों, नकारात्मक उद्देश्य और सीमित भावनाओं को पहचानना और छोड़ना शुरू कर सकते हैं जो हमें पीछे खींच रहे हैं। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान में करुणा और सहानुभूति का अभ्यास भी शामिल है। दूसरों और स्वयं की मानवता को समझकर और स्वीकार कर, हम निर्णय और आलोचना को छोड़ सकते हैं और जुड़ाव और समझ की गहरी भावना विकसित कर सकते हैं। इस अवसर पर राजाराम महतो, जमशेद टुडू, अनिल माझी, शंकर सिंह, भुवन लोहार आदि उपस्थित थे।
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