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वन विभाग के लाखों की जमीन को नगर परिषद चक्रधरपुर द्वारा कौड़ियों के भाव से 30 साल के लिए दिया पट्टा, Forest Department's land worth lakhs was given lease by the Municipal Council Chakradharpur for 30 years at a throwaway price.


जांच में हुआ खुलासा, सीओ ने कहा वन विभाग के जमीन से अतिक्रमण हटाया जाएगा

चक्रधरपुर। चक्रधरपुर-चाईबासा मुख्य मार्ग एनएच 75 (ई) महात्मा गांधी हाई स्कूल के बगल में खाता संख्या 266, प्लॉट नंबर 229 की जमीन वन विभाग की है। यह कहना अंचल कार्यालय चक्रधरपुर का है। इसके बावजूद उक्त जमीन को नगर परिषद चक्रधरपुर ने वर्ष 2019 में पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष कृष्ण देव साह और फेकू साव के बेटा विजय कुमार साह को 30 सालों के लिए वार्षिक किराए पर पट्टा में दिया गया है, जबकि नगर परिषद अंतर्गत उक्त जमीन नहीं है। इसके बावजूद उन्हें 30 सालों के लिए पट्टा में देना यह संदेह के घेरे में आता है। 




जिस पर लोगों का कहना है कि नगर परिषद ऐसा किस आधार पर किया है, उससे भी जबाब मांगना चाहिए। इधर, वन विभाग ने उक्त जमीन की सत्यता जांचने के लिए अंचलाधिकारी को आवेदन किया है। वहीं जांच उपरांत उक्त जमीन वन विभाग का मिला है। खतियान में खाता संख्या 266, प्लाट नंबर 229 की जमीन पर वन विभाग अनावद बिहार सरकार अंकित है। वहीं इस मामले का जांच कर रहे अंचलाधिकारी गिरजा नंद किस्कू का कहना है कि वन विभाग की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। जिसके लिए जमीन अतिक्रमण करने वाले व्यक्ति को नोटिस भी दिया जाएगा तथा उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। 


उसके बाद जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा कर वन विभाग को सौंपा जाएगा। बता दें कि वर्षों से खाली पड़ा जमीन को कुछ दिन पहले पट्टा में लिए व्यक्ति ने जमीन पर चहारदीवारी देकर अतिक्रमण किया जा रहा था। तभी वन विभाग और स्थानीय लोगों का नजर पड़ा। वहीं वन विभाग ने भी सत्यता जांचने को लेकर अंचल कार्यालय चक्रधरपुर को आवेदन किया। ज्ञात हो कि उक्त  लाखों की जमीन को नगर परिषद कार्यालय चक्रधरपुर द्वारा कौड़ियों के भाव में विजय कुमार साह नामक व्यक्ति को 30 सालों के लिए वार्षिक किराए पर पट्टा में दिया गया है। 


यह एकरारनामा 6 फरवरी 2019 को तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा किया गया है। नगर परिषद 872 वर्गफीट जमीन को 12 रुपए प्रति वर्गफीट की दर से 10,464 रुपए वार्षिक किराए पर पट्टा में दिया गया है। जबकि जानकारों की मानें तो नगर परिषद चक्रधरपुर गलत किया है। कहा जाता है कि कोई भी सरकारी जमीन का बंदोबस्त करने का अधिकार सिर्फ उपायुक्त को होता है। वैसे में यदि वन विभाग की जमीन को नगर परिषद बंदबस्ती किया है तो वह पूर्ण रुप से गलत है। इस पर जांच उपरांत कार्रवाई होना चाहिए। वहीं नगर परिषद किस अधिकार से वैसा किया है, उस पर भी जांच होनी चाहिए।



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