चाईबासा। अब मास्टर साहब पढ़ाने के अलावा विद्यार्थियों की आंखों की भी जांच करेंगे। पश्चिमी सिंहभूम जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा शिक्षा विभाग के सहयोग से स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की आंखों की जांच का कार्य किया जायेगा। इसके अंतर्गत शिक्षक बच्चों की आंखों की प्रारम्भिक जांच करेंगे।
बच्चे की नजर कैसी है, यह अब शिक्षक ही बताएंगे। इसके बाद आवश्यक होने पर नेत्र विशेषज्ञ की सलाह पर निशुल्क चश्मे प्रदान किए जाएंगे। चाईबासा में सदर अस्पताल परिसर में अवस्थित नेत्र चिकित्सालय के नेत्र पदाधिकारी डा. मनोज सिंह मुंडा ने बताया कि सबसे बड़ा कारण मोतियाबिंद है, जो कि 62 प्रतिशत है। इसमें आंख का पारदर्शी लेंस अपारदर्शी हो जाता है, जो आपरेशन से ठीक हो जाता है।
दूसरा बड़़ा कारण है दृष्टिदोष जो किसी भी उम्र में हो सकता है जिसका प्रतिशत पांच से 10 है। बच्चों में दृष्टिदोष को रोकने के लिए शिक्षा विभाग व स्वास्थ्य विभाग एक संयुक्त कार्यक्रम चलाने की तैयारी कर रहा है । सिविल सर्जन डा. साहिर पाल ने बताया कि नेत्र परीक्षण के लिए ई-टाइप विजन चार्ट पश्चिमी सिंहभूम जिले के सभी 2283 सरकारी प्राथमिक, उत्क्रमित व मध्य विद्यालयों में लगाया जायेगा। इसकी मदद से शिक्षक आसानी से बच्चे की नेत्र जांच कर सकेंगे।
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