गुवा. सेल की किरीबुरु, मेघाहातुबुरु, गुवा, चिड़िया आदि खदानों व उपक्रमों में एक साथ सिस्टम एनालिसिस प्रोग्राम डेवलपमेंट (एसएपी) सॉफ्टवेयर से कार्य प्रारम्भ किया गया है। एसएपी से खदान प्रबंधन, ठेकेदारों आदि की परेशानी काफी बढ़ गई है। इस सॉफ्टवेयर पर काम प्रारम्भ होने तथा खदान के अधिकारियों को इस सॉफ्टवेयर से संबंधित अधिक जानकारी नहीं होने की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसका व्यापक असर सेल के ठेकेदारों पर पड़ रहा है।
ठेकेदारों द्वारा विभिन्न कार्यों से संबंधित बिल महीनों पूर्व जमा करने के बावजूद उन्हें भुगतान नहीं हो पा रहा है। इस कारण ठेकेदारों को अपने मजदूरों का वेतन मैटेरियल आदि से संबंधित पैसों का भुगतान करने में दिक्कतें आ रही हैं। ठेकेदार लगातार पैसा भुगतान हेतु प्रबंधन पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें एसएपी से जुड़ी समस्या बताकर टाल दिया जा रहा है। प्रबंधन का कहना है कि अभी इससे थोड़ी परेशानी अवश्य हो रही है, लेकिन आने वाले दिनों में इससे सारा कार्य आसान व बेहतर हो जायेगा। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि एसएपी आने से खदान व उपक्रमों में मैन पावर कम होगा, जिससे प्रबंधन को लाभ पहुंचेगा।
एसएपी के बाबत जानकारों का कहना है कि पारंपरिक व्यवसाय मॉडल अक्सर डेटा प्रबंधन को विकेंद्रीकृत करते हैं, जिसमें प्रत्येक व्यवसाय फ़ंक्शन अपने स्वयं के परिचालन डेटा को एक अलग डेटाबेस में संग्रहीत करता है। इससे विभिन्न व्यावसायिक कार्यों के कर्मचारियों के लिए एक-दूसरे की जानकारी तक पहुँचना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, कई विभागों में डेटा के दोहराव से आईटी भंडारण लागत और डेटा त्रुटियों का जोखिम बढ़ जाता है। डेटा प्रबंधन को केंद्रीकृत करके, एसएपी सॉफ्टवेयर सत्य के एकल दृश्य के साथ कई व्यावसायिक कार्य प्रदान करता है।
यह कंपनियों को विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को पूरे उद्यम में वास्तविक समय की जानकारी तक आसान पहुंच प्रदान करके जटिल व्यावसायिक प्रक्रियाओं को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद करता है। परिणामस्वरूप, व्यवसाय वर्कफ्लो को तेज कर सकते हैं, परिचालन दक्षता में सुधार कर सकते हैं, उत्पादकता बढ़ा सकते हैं, ग्राहक अनुभव को बेहतर बना सकते हैं, और अंततः लाभ बढ़ा सकते हैं।
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