गुवा। सेल की गुवा खदान में सेलकर्मियों व ठेका मजदूरों का अनिश्चितकालिन स्लो डाउन आंदोलन पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के नेतृत्व में 6 जुलाई को तीसरे दिन भी जारी रहा। यह आंदोलन चार सूत्री मांगों को लेकर किया जा रहा है। मजदूरों की मांग है कि उसमें बीते दिनों बाहर से नियुक्त कर गुवा भेजे गये एस-3 ग्रेड के 18 सेलकर्मियों को तत्काल वापस भेजना, ठेका मजदूरों को समान कार्य का समान वेतन व सुविधाएं, सेवानिवृत्त सेलकर्मियों के आश्रितों को खदान में नौकरी एवं गुवा खदान में 500 पदों पर खदान से प्रभावित सारंडा के गांवों व गुवा के निवासी बेरोजगारों को शत प्रतिशत नौकरी देना शामिल है। इस आंदोलन में शामिल चर्चित मजदूर नेता रामा पांडेय ने बताया कि आंदोलन के दूसरे दिन अर्थात् 5 जुलाई को प्रथम पाली में 1000 टन, द्वितीय पाली में 1100 टन एवं तृतीय पाली में 1400 टन उत्पादन हुआ।
तीनों पाली मिलाकर 12 से 14 हजार टन उत्पादन प्रतिदिन होता है। पहले दिन की तुलना में दूसरे दिन काफी कम उत्पादन गुवा खदान में हुआ। 6 जुलाई को भी यही हाल रहने वाला है। उन्होंने कहा कि 6 जुलाई की शाम पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा आंदोलन में शामिल होकर मजदूरों का हौसला बढ़ाएंगे। आगे की रणनीति पर उनके साथ चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि प्रबंधन कम उत्पादन के बावजूद व कुछ अधिक उत्पादन होने का दावा कर रही है, जो गलत है।
दूसरी ओर सूत्रों का कहना है कि गुवा प्रबंधन कुछ स्थानीय बेरोजगारों को बतौर सप्लाई/ठेका मजदूर काम पर रखने को तैयार है, लेकिन आंदोलनकारियों की मांग 500 है, जिसपर वह तैयार नहीं है। आंदोलनकारी 150 लोगों को रोजगार देने पर सहमत हो सकते हैं, लेकिन अब दोनों के बीच टेबल पर वार्ता के बाद ही निगोसिएशन के बाद समाधान निकलने की संभावना है। देखना है कि वार्ता कब होती है।
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