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नक्सली बंदी का मिला जुला असर, नहीं चली लंबी दूरी की बसें, Mixed effect of Naxalite ban, long distance buses did not run.


गुवा। भाकपा माओवादी नक्सलियों द्वारा 10 जुलाई को आहूत कोल्हान बंद का मिलाजुला असर लौहांचल व कोल्हान क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। बंद के दौरान अभी तक कहीं से भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। पुलिस और सीआरपीएफ सारंडा एवं कोल्हान जंगल के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में निरंतर सर्च अभियान चला रही है, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके। नक्सलियों की बंद की वजह से गुवा, बड़ाजामदा,किरीबुरु से जमशेदपुर, रांची, मनोहरपुर रुट की एक भी यात्री बसें नहीं चलीं। 




इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। शहर की दुकानें, बाजार, स्कूल आदि आम दिनों की तरह खुले रहे। नक्सल प्रभावित सारंडा स्थित करमपदा-रेंगड़ा रेल मार्ग पर तोपाडीह क्षेत्र में रेलवे ट्रैक पर नक्सलियों द्वारा बडे़ पैमाने पर पोस्टर डाले जाने की वजह से रेलवे परेशान रहा। इस मार्ग पर सिर्फ मालगाड़ी चलती है जो सेल की किरीबुरु, मेघाहातुबुरु खदान से लौह अयस्क की ढुलाई करती है। इस मार्ग पर सुबह तक मालगाड़ी का आवागमन होता रहा था। उल्लेखनीय है कि 23 मई को लोवादा गांव के निकट जंगल में पुलिस के साथ मुठभेड़ में कुख्यात नक्सली बुधराम मारा गया था। 


17 जून की सुबह लिपुंगा गांव के समीप कोल्हान जंगल में पुलिस मुठभेड़ में कुख्यात नक्सली कांडे होनहागा उर्फ दिरीसुम, सिंगराय, सपनी हांसदा, सूर्या देवगम उर्फ मुंडा और जोगा मारला मारे गये थे। इन छह नक्सलियों के मारे जाने के विरोध में भाकपा माओवादी, दक्षिणी जोनल कमेटी के प्रवक्ता अशोक ने 10 जुलाई को 24 घंटे का बंद बुलाया है।



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