Guwa (Sandeep Gupta) । सारंडा के घने जंगलों में पुलिस को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से भाकपा माओवादी नक्सलियों द्वारा लगाए गए एक शक्तिशाली आईईडी के विस्फोट की चपेट में आने से तिरिलपोसी गांव की एक बच्ची की मौत होने की चर्चा जोरों पर है। घटना 7 जनवरी की सुबह 8 बजे की बताई जा रही है, लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि पुलिस अधिकारियों द्वारा नहीं की गई है। जब इस घटना को लेकर पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर से संपर्क किया गया, तो उन्होंने ऐसी किसी घटना की जानकारी होने से इनकार करते हुए मामले की जांच और जानकारी प्राप्त करने की बात कही।
ग्रामीणों के अनुसार, तिरिलपोसी गांव की एक बच्ची जलावन के लिए लकड़ी लेने सारंडा जंगल के तिरिलपोसी और थोलकोबाद सीमा स्थित रादापोड़ा इलाके में गई थी। लकड़ी इकट्ठा करते समय उसका पैर नक्सलियों द्वारा पहले से लगाए गए प्रेशर आईईडी पर पड़ गया। इसके चलते आईईडी में विस्फोट हो गया, जिससे बच्ची की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मृतक बच्ची का परिवार थोलकोबाद में भी रहता है। हालांकि, इस घटना को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक सूत्र इस घटना को महज एक अफवाह मान रहे हैं। गौरतलब है कि सारंडा के जराईकेला और छोटानागरा सीमावर्ती थाना क्षेत्रों के जंगलों में नक्सलियों ने भारी संख्या में आईईडी लगा रखे हैं।
नक्सली इन आईईडी का उपयोग पुलिस और सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए करते हैं। कुछ दिन पहले भी नवाडीह गांव के सुनील सुरीन नामक युवक की मौत आईईडी विस्फोट में हो चुकी है। इस घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। ग्रामीणों के बीच नक्सली खतरों को लेकर भय व्याप्त है, लेकिन घटना की सत्यता की पुष्टि के लिए अभी आधिकारिक जानकारी का इंतजार किया जा रहा है।
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