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Jamshedpur. वैकुंठ एकादशी का भव्य आयोजन: आंध्र भक्त श्री राम मंदिरम, बिष्टुपुर में भक्त बालाजी के दर्शन को उमड़े, Grand event of Vaikuntha Ekadashi: Andhra devotees flocked to Sri Ram Mandiram, Bistupur to have darshan of Balaji.


Upgrade Jharkhand News. 10 जनवरी को जमशेदपुर बिष्टुपुर मेन रोड स्थित आंध्र भक्त श्री राम मंदिरम, में वैकुंठ एकादशी उत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस उत्सव के अवसर पर पूरे मंदिर परिसर को रंग बिरंगे फूलो एवं आकर्षक प्रकाश सज्जा से सजाया गया था। वैकुंठ के सात द्वार बनाये गये थे। भक्त इस दिन के लिए वर्ष भर इंतजार करते है, ताकि सातों द्वार से गुजर कर वैकुंठ की प्राप्ति हो सके, यह धार्मिक आयोजन श्रद्धा, भक्ति और आध्यात्मिक आनंद से ओत-प्रोत रहा। सुबह सुप्रभातम के साथ आरंभ हुए इस आयोजन में पंडित कोंडामचारुलु और पंडित संतोष द्वारा भगवान श्री वेंकटेश्वर बालाजी की थोमलसेवा (फूलों से अलंकरण) मंत्रोच्चार के साथ की गई।


अखंड कीर्तन और अभिषेक: सुबह 8:30 बजे से अखंड कीर्तन का शुभारंभ हुआ, जो 24 घंटे तक अनवरत चलता रहेगा। इस दौरान भजनों और कीर्तन से मंदिर प्रांगण में भक्तिभाव का वातावरण बना रहा। सुबह 9:30 बजे भगवान श्री वेंकटेश्वर बालाजी का अभिषेक किया गया, जिसमें करीब 120 भक्तों ने भाग लिया। अभिषेक में विशेष पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चार किया गया।


गरुड़ वाहन पर नगर भ्रमण: संध्या 6:00 बजे भगवान श्री वेंकटेश्वर बालाजी को गरुड़ वाहन पर सप्तद्वार के माध्यम से नगर भ्रमण के लिए ले जाया गया। इस दौरान भक्तों की भीड़ ने उत्साहपूर्वक भगवान का स्वागत किया। मंदिर प्रांगण में वैकुंठ द्वार का निर्माण किया गया था, जिसे सप्तद्वारों के रूप में सजाया गया।


वैकुंठ एकादशी का महत्त्व: वैकुंठ एकादशी को भगवान विष्णु की आराधना का प्रमुख पर्व माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन वैकुंठ द्वार खुलते हैं, जो मोक्ष प्राप्ति का प्रतीक है। वैकुंठ द्वार का महत्व श्रीमद्भागवत पुराण और विष्णु पुराण में वर्णित है। सात द्वार वैकुंठ तक पहुँचने के सात स्तरों का प्रतिनिधित्व करते हैं।


प्रथम द्वार: भक्त का आध्यात्मिक जागरण, द्वितीय द्वार: सांसारिक मोह से मुक्ति, तृतीय द्वार: सत्य और धर्म के मार्ग पर चलना, चतुर्थ द्वार: अहंकार और लोभ का त्याग, पंचम द्वार: भक्ति और समर्पण, षष्ठ द्वार: पूर्ण विश्वास और निष्काम सेवा, सप्तम द्वार: भगवान का साक्षात्कार, इस दिन भक्त विष्णु सहस्रनाम और भजनों का पाठ कर भगवान विष्णु की कृपा पाने का प्रयास करते हैं।


कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति: मंदिर के अध्यक्ष, महासचिव और मंदिर कमिटी के कार्यकारिणी सदस्य के साथ भारी संख्या में भक्त गण इस भव्य धार्मिक आयोजन में सम्मिलित हुए। पूजा के पश्चात सभी भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।



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