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Jamshedpur. 'कथा मंजरी सह साहित्यकार जयंती समारोह सम्पन्न', 'Katha Manjari cum litterateur birth anniversary celebration completed',



Jamshedpur (Nagendra) । सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन/तुलसी भवन द्वारा संस्थान के प्रयाग कक्ष में मासिक "कथा मंजरी" सह  हिन्दी साहित्य के पाँच साहित्यकार जैनेन्द्र कुमार,  मोहन राकेश, वृंदावन लाल वर्मा, शमशेर बहादुर सिंह एवं रांगेय राघव की जयंती समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता तुलसी भवन के अध्यक्ष सुभाष चन्द्र मुनका तथा संचालन साहित्य समिति के अजय प्रजापति ने की। दीप प्रज्वलन के साथ समारोह की शुरुआत हुई। सरस्वती वंदना श्रीम माधवी उपाध्याय ने प्रस्तुत किया। स्वागत वक्तव्य प्रसन्न वदन मेहता ने दिया। तदनुपरान्त हिन्दी साहित्य के पाँच साहित्यकार जैनेन्द्र कुमार, मोहन राकेश, वृंदावन लाल वर्मा, शमशेर बहादुर सिंह एवं रांगेय राघव की जयंती के अवसर पर उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र, अशोक पाठक 'स्नेही, सुरेश चन्द्र झा, डाॅ० वीणा पाण्डेय 'भारती' एवं नीलिमा पाण्डेय ने उनका साहित्यिक परिचय प्रस्तुत किया। 


कार्यक्रम के दुसरे सत्र 'कथा मंजरी' के मौके पर विभिन्न विषयों को स्पर्श करती हुई कुल १७ कहानियों का पाठ किया गया, जिसकी समीक्षात्मक टिप्पणी कथा पाठ के उपरान्त श्री मुनका ने अपने अध्यक्षीय  वक्तव्य के दौरान की । कार्यक्रम के दौरान कथा पाठ इस प्रकार रहा--                     


कहानी का शीर्षक - वसंत जमशेदपुरी - दहेज युग, श्रीमती नीता सागर चौधरी- समय का पहिया, भंजदेव देवेन्द्र कुमार 'व्यथित'-अव्यक्त पीड़ा, श्रीमती माधुरी मिश्रा- एक बेटा होना ही चाहिए, डाॅ० अरुण कुमार शर्मा- अंतिम उपहार,  श्रीमती माधवी उपाध्याय- एतवा, सुरेश चन्द्र झा- नासूर, डाॅ० अनिता निधि-एकता में शक्ति, राजेश चरण- जल्द ही जबाब देना, श्रीमती ममता कर्ण- पंडित जी की हवाई यात्रा,  श्रीमती उमा पाण्डेय- मौत दो आतंकवादियों की, बलविन्दर सिंह- प्रेम पत्र पत्नी के नाम, श्रीमती पूनम सिंह- दादी पोते का प्रेम, ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र- मैं नीट कम्पलीट करुँगी, श्रीमती रीना गुप्ता-टिमटिमाते दीये, नीलाम्बर चौधरी- भाषा की समस्या, अशोक विद्रोही- चाँद, सूरज और मैं।



कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन साहित्य समिति के उपाध्यक्ष अशोक पाठक 'स्नेही'ने की । इस अवसर पर मुख्य रुप से तुलसी भवन के मानद महासचिव डाॅ० प्रसेनजित तिवारी, साहित्य समिति के सचिव डाॅ० अजय कुमार ओझा , दिव्येन्दु त्रिपाठी, कैलाश नाथ शर्मा 'गाजीपुरी' डाॅ० अरुण सज्जन, सिद्धनाथ दूबे , हरभजन सिंह 'रहबर' सहित अनेक साहित्यकारों की उपस्थिति रही।



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