Guwa (Sandeep Gupta) । सारंडा के अति उग्रवाद प्रभावित दुर्गम जंगल गांव बोरदाबाटी में प्रसिद्ध समाजसेवी संतोष पंडा ने पारंपरिक वनवासी समुदाय के बच्चों के लिए निशुल्क शिशु विकास नर्सरी स्कूल की शुरुआत की है। इस स्कूल में बोरदाबाटी, नूईयागड़ा, और सांगादौड़ा गांव के बच्चे शिक्षा प्राप्त करेंगे। विद्यालय में हिंदी, इंग्लिश, गणित और ईवीएस की पढ़ाई कराई जाएगी। श्री पंडा ने बताया कि यहां के अधिकांश माता-पिता अत्यंत गरीब हैं और सुबह होते ही जीविका की तलाश में जंगल चले जाते हैं। इस कारण बच्चे अक्सर खाली पेट स्कूल आते हैं, जिससे उनकी सेहत और पढ़ाई प्रभावित होती है। इसे ध्यान में रखते हुए स्कूल में चावल, दाल और सब्जी की प्रतिदिन निशुल्क व्यवस्था की गई है, ताकि बच्चे स्वस्थ और ऊर्जावान रहें।
इसके अलावा, बच्चों के लिए खेल-कूद और अन्य गतिविधियों की भी व्यवस्था की गई है। इस दौरान संतोष पंडा ने कहा कि पहले से ही सक्षम लोगों की मदद से एक निशुल्क शिशु विकास नर्सरी स्कूल चला रहे थे, जिसमें 115 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। इस नए स्कूल के खुलने से अधिक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने का अवसर मिलेगा। संतोष पंडा का यह प्रयास वनवासी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनका सपना है कि इन बच्चों को शिक्षा और पोषण का समुचित अधिकार मिले, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
इस अवसर पर गांव के कई सम्मानित लोग उपस्थित रहे, जिनमें पात्रस बिरुली, मुंडा गोनो चाम्पिया, सलीम लुगुन, हेरमन टोपनो, कॉलमेंट टोपनो, भाईपा सोय, शाबन लुगुन, एंटोनी टीड, इस्माइल टोपनो, तुरेंद्र मुंडा, हेरमन लुगुन, तड़कान पूर्ति, राम सोय, बिनीता सोय, सीबरीना केरकेट्टा, बिरजमनी टोपनो, चांद सोय, सैमुएल लोमगा, बाहमनी लोमगा, सरोज सोम, बिरसा पूर्ती, सुशारी सामद, सरोज लुगुन, शांति लुगुन,तुलसी नाग शामिल थे।
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