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Jamshedpur. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सर्मा का जवाब कोर्ट में दाखिल ,बाबर खान के आरोपों को नकारा, Chief Minister Himanta Biswa Sarma's reply filed in court, denies Babar Khan's allegations


Jamshedpur (Nagendra) । असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सर्मा ने एआइएमआइएम नेता बाबर खान द्वारा दायर याचिका सी वन 4005/2024 पर अपना जवाब दाखिल करते हुए आरोपों को सिरे से नकार दिया है। हिमंता बिस्वा सर्मा की ओर से चौदह पन्नों का जवाब अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह, अधिवक्ता लाल अजीत कुमार अम्बष्ट, अधिवक्ता ए चौधरी एवं अधिवक्ता एस रहमतुल्लाह ने बीएनएनएस की धारा 223 के तहत दिया है। जमशेदपुर के न्यायिक दंडाधिकारी आलोक कुमार की अदालत को बताया गया है कि आरोपी/जवाबकर्ता असम का मुख्यमंत्री है और जिम्मेवार नागरिक है।



शिकायत वाद में आरोप मनगढ़ंत और केवल सस्ती लोकप्रियता एवं राजनीतिक लाभ के इरादे से याचिका दाखिल की गई। शिकायत वाद में कोई ठोस तथ्य नहीं हैं जिनके आधार पर आरोप बनते हों। जवाबकर्ता के वक्तव्य से कहीं भी लड़ाई झगड़ा नहीं हुआ, न विद्वेष को बढ़ावा  मिला है ना ही सामाजिक अव्यवस्था उत्पन्न हुई। वादी बाबर खान खुद एआइएमआइएम पार्टी के टिकट पर जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा से चुनाव लड़ रहा था। यह पर्याप्त है कि हिमंता बिस्वा सर्मा की छवि को बिगाड़ने तथा राजनीतिक फायदे के लिए ही उन्होंने वाद दाखिल किया। हिमंता बिस्वा सर्मा आम सभा चुनाव में राजनीतिक एवं सामाजिक मुद्दे पर अपनी बातों को रख रहे थे और कहीं से भी नफरत को बढ़ावा नहीं दिया।



भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 प्रदत्त अधिकारों के तहत लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत सरकार की नीतियों एवं कार्य प्रणाली पर सवाल उठाने का अधिकार है और उसका प्रयोग किया। इसके साथ ही अदालत को बताया गया कि समाचार पत्र को उद्धृत किया गया है जो कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोप गठित करने के लिए आवश्यक कानूनी दायरे को पूरा नहीं करता है। ऐसे में शिकायत वाद को खारिज कर दिया जाना चाहिए क्योंकि कार्रवाई का आधार स्थापित करने में वादी असफल है और आरोप पूरी तरह से अस्पष्ट है और राजनीतिक फायदे के लिए केवल परेशान और बदनाम करने के उद्देश्य से प्रेरित है। ऐसे में देखना है कि बाबर खान के वकील अधिवक्ता मोहम्मद जाहिद, अधिवक्ता कुलविंदर सिंह आदि क्या कदम उठाते हैं।



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