Jamshedpur (Nagendra) । भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के अंतर्गत नेहरु युवा केंद्र ,पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर द्वारा कश्मीरी युवा आदान - प्रदान कार्यक्रम के चौथे दिन जमशेदपुर डिमना डैम, आदिवासी संस्कृति केंद्र एवं रूसी मोदी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का शैक्षिक भ्रमण कराया गया। इस यात्रा का उद्देश्य प्रकृति के महत्व को समझना, साहसिक गतिविधियों के माध्यम से आत्मनिर्भरता विकसित करना, औद्योगिक इतिहास और खेल संस्कृति को जानना, और स्थानीय आदिवासी समाज की समृद्ध संस्कृति से परिचित होना था। इस यात्रा के दौरान विभिन्न स्थानों की विशेषताओं का अवलोकन किया, जिससे हमें कई महत्वपूर्ण जानकारियां और जीवनोपयोगी सीख मिली।
यात्रा की शुरुआत डिमना डैम से हुई, जो जमशेदपुर के बाहरी इलाके में स्थित है। डैम के चारों ओर फैली हरियाली, शांत जल, और प्राकृतिक सौंदर्य ने सभी का मन मोह लिया। डैम का दृश्य अत्यंत मनमोहक था। पानी की सतह पर सूरज की किरणें झिलमिलाती हुई दिख रही थीं, और चारों ओर पहाड़ियां प्रकृति की अद्भुत छटा बिखेर रही थीं। प्रतिभागियों ने यहां प्रकृति के साथ समय बिताया, पक्षियों की चहचहाहट सुनी और जैव विविधता का अवलोकन किया।
साथ ही रिवर राफ्टिंग, तैराकी जैसी गतिविधियों को कराया गया । इसके बाद हम रूसी मोदी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पहुंचे, जो टाटा स्टील की खेल और सांस्कृतिक विरासत को समर्पित एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह केंद्र जमशेदपुर क्षेत्रीय विकास और उद्योग की सफलता की कहानियों को भी दर्शाता है। भ्रमण का अंतिम चरण ट्राइबल कल्चर सेंटर था, जहां हमें झारखंड के आदिवासी समाज की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं से परिचित होने का मौका मिला। यह केंद्र स्थानीय आदिवासी समुदाय की कला, शिल्प, संगीत और नृत्य के संरक्षण के लिए समर्पित है। यहां संथाल, हो, मुंडा और उरांव जनजातियों की परंपराओं, वेशभूषा, आभूषण और जीवनशैली के बारे में जानकारी मिली। हमने देखा कि कैसे ये जनजातियां प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर जीवन जीती हैं। हस्तनिर्मित मिट्टी के बर्तन, लकड़ी की मूर्तियां और दीवारों पर बनी आदिवासी पेंटिंग्स ने हमें उनकी कला की गहराई से रूबरू कराया। यह शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के लिए एक यादगार और ज्ञानवर्धक अनुभव रहा।
डिमना डैम से जल संरक्षण की सीख, एडवेंचर फाउंडेशन से साहस और टीम वर्क की प्रेरणा, रूसी मोदी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से खेलों और औद्योगिक विकास की जानकारी, और ट्राइबल कल्चर सेंटर से आदिवासी समाज की सांस्कृतिक समृद्धि की समझ को व्यापक बनाया। इस भ्रमण ने हमें न केवल किताबों के बाहर की दुनिया को देखने का मौका दिया, बल्कि हमें प्रकृति, संस्कृति और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का भी एहसास कराया।
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