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Rourkela. राउरकेला में तबादले के नाम पर निजी स्वार्थ साध रहे वरीय रेल अधिकारी, Senior railway officers pursuing personal interests in the name of transfer in Rourkela


Upgrade Jharkhand News. राउरकेला में पिछले दिनों शंटिंग के दौरान मालगाड़ी के बस्ती में घुस जाने के बाद रेल जीएम ने अदेश दिया था कि राउरकेला स्टेशन में जितने भी रेलकर्मी 4 साल से ज्यादा समय से राउरकेला में पदस्थापित हैं उनका तबादला कर दिया जाए। अब रेल जीएम के इस तबादले के आदेश को रेल अधिकारियों ने अपना एक ऐसा हथियार बना लिया है। जिसके तहत रेल अधिकारी अपना निजी स्वार्थ साधने में लग गए हैं।



नियमों की धज्जियाँ उड़ाकर कर्मचारियों को तबादला किया जा रहा है। जो कर्मचारी रेल अधिकारी का स्वार्थ पूरा कर रहे हैं उनका तबादला मलाईदार जगह पर कर दिया गया है। और जिस रेलकर्मी से रेल अधिकारी को फायदा नहीं उन्हें दंडात्मक जगह उठाकर फेंका जा रहा है। राउरकेला में रेल हादसा ऑपरेटिंग विभाग के गलती से हुई थी, लेकिन यह आश्चर्य की बात है कि जीएम के आदेश के बाद सबसे ज्यादा कार्रवाई कमर्शियल विभाग में हुई है। ऑपरेटिंग विभाग के 11 कर्मचारियों का तबादला किया गया, जबकि इससे तीन गुना ज्यादा 37 कमर्शियल कर्मियों का तबादला एक झटके में कर दिया गया। जिनका रेल हादसा से दूर दूर तक कोई वास्ता ही नहीं है।



ताज्जुब की बात यह भी है की कमर्शियल विभाग में ऐसे कर्मियों का भी तबादला कर दिया गया। जिनका तबादला हुए एक साल भी नहीं हुआ था, जबकि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे रहने वाले कर्मियों को विभाग के वरीय अधिकारी ने उपहार स्वरुप लोडिंग क्षेत्र के मलाईदार जगह पर तबादला कर दिया है। तबादले की लिस्ट ऐसे बनायीं गयी है मानो वरीय अधिकारियों के करीबियों को लूट और भ्रष्टाचार का एक नया मौका दे दिया गया हो।



कमर्शियल विभाग का ट्रांसफर लिस्ट विभागीय से ज्यादा फिक्स लग रहा है, जबकि ईमानदारी से कर्मठ होकर काम करने वालों की बलि ले ली गयी है। कमर्शियल विभाग के रेलकर्मियों में रेलवे के इस निर्णय से असंतोष का माहौल है। रेलकर्मियों ने कहा है की ईमानदारी से काम करने वालों पर ही कार्रवाई होती है। अधिकारियों के स्वार्थ को पूरा करने वाले कर्मचारी को मनचाहा पोस्ट पूछकर दिया जाता है। इससे कर्मियों का मनोबल अब टूटने लगा है।



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