Jamshedpur (Nagendra) । आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं पूर्णिमा नेत्रालय के सहयोग से दृष्टि सेवा महा अभियान के तहत 4 फेको सर्जरी एवं 1 एस.आई.सी.एस सर्जरी कर निःशुल्क लैंस प्रत्यारोपण किया गया। आनंद मार्ग ने आयुष्मान एवं(डी.बी.सी.एस )राष्ट्रीय अंधत्व निवारण एवं नियंत्रण कार्यक्रम से पिछले दिनों सोनारी से लगभग 5 लोगों को मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए चिन्हित किया था । जो रोगी मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए चिन्हित हुए उनका मोतियाबिंद मेच्योर्ड हो चुका था,रोगियो का पूर्णिमा नेत्रालय के सहयोग से मोतियाबिंद ऑपरेशन कर निःशुल्क लैंस प्रत्यारोपण किया गया। वहीं इस मौके पर आनंद मार्ग के कैंप ऑर्गेनाइजर सुनील आनंद ने बताया कि फेको सर्जरी या फेकोइमल्सीफिकेशन एक प्रकार का मोतियाबिंद का इलाज है जो लेंस के धुंधले हिस्से यानी मोतियाबिंद को हटाने के लिए किया जाता है। फेको तकनीक से मोतियाबिंद ऑपरेशन किया जाता है।
लेंस को छोटे टुकड़ों में तोड़ने के लिए अल्ट्रासोनिक तरंगों का उपयोग करती है। फिर लेंस के टुकड़ों को बाहर निकाल दिया जाता है और आँखों की रोशनी में सुधार करने के लिए आंख के लेंस पर एक कृत्रिम लेंस (Artificial lens) लगाया जाता है।छोटे चीरे की मोतियाबिंद सर्जरी (एस.आई.सी.एस.) इसे आमतौर पर "SICS" भी कहा जाता है, इस प्रक्रिया में प्रोब या किसी अत्याधुनिक मशीन द्वारा सर्जरी नहीं की जाती है। इसके बजाय, डॉक्टर आमतौर पर कॉर्निया के किनारे पर हाथ से एक बड़ा चीरा (फेको के चीरे की तुलना में बड़ा) लगाने के लिए एक ब्लेड इस्तेमाल करता है और फेको तकनीक के जैसे आँखों में लेंस को तोड़े बिना मोतियाबिंद को हटा देता है। बाद में एक कैप्सूल जैसे बैग के अंदर कृत्रिम लेंस (IOL) को आँखों में डाला जाता है एस.आई.सी.एस .(SICS) एक टांका रहित सर्जरी है और इसमें टांके लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है और चीरा खुद से ही ठीक हो जाता है। 13 मार्च को गदरा आनंद मार्ग जागृति शिव मंदिर के पास नेत्र जांच शिविर का पुनः आयोजन किया जाएगा जो सुबह 10:00 से 1:00 तक चलेगा।
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