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Bhopal. नहीं सुधरने वाला है आतंकवाद का पालनहार पाकिस्तान, Pakistan, the harbinger of terrorism, is not going to improve


Upgrade Jharkhand News.  पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसे हमेशा से आतंकवाद का पालन-पोषण करने वाले देश  के तौर पर जाना जाता है। सीजफायर की घोषणा के बाद भी कई घंटे उसकी नापाक हरकत जारी रही। उधर चीन का असली चेहरा भी सामने आ गया जब उसके विदेश मंत्री ने साफ कह दिया कि चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा है। इस सबके बावजूद अब सीजफायर दोनों देश मान रहे हैं और हमले दोनों तरफ से बंद हो गए हैं। प्रभावित इलाकों में जनजीवन सामान्य की ओर लौटना शुरू हो गया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने पाकिस्तान को ये बता दिया है कि परमाणु बम होने के बावजूद वो उसके घर में घुसकर हमला कर सकता है, उसके कान पकड़ सकता है। साल 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भी दोनों देश परमाणु सशस्त्र थे,  उस समय संघर्ष काफी सीमित रहा था, जिसकी सबसे बड़ी वजह सिर्फ एक क्षेत्र में युद्ध का होना था। कारगिल का इलाका काफी मुश्किल था जो एलओसी के काफी सीमित क्षेत्र में लड़ा गया था और भारत वह लड़ाई कारगिल से पाकिस्तानी सैनिकों को भगाने के लिए लड़ रहा था। 



उस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के अंदर  हमला नहीं किया था और ना ऐसा कोई फैसला लिया गया था। इसके अलावा उस वक्त दोनों देशों के पास नये नये परमाणु हथियार थे और दोनों ही देश परमाणु हथियारों को लेकर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम विकसित कर रहे थे।लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हालात अलग थे। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान परमाणु बम रखने वाले पाकिस्तान के अंदर घुसकर उसके एयरबेस उड़ाए, उसके मिसाइल डिफेंस सिस्टम तहस-नहस किए और ऐसा पूरी क्षमता के साथ किया , जिसमें भारत ने पाकिस्तान की सेना को सिर्फ कुछ घंटों की लड़ाई में अपनी ताकत दिखा दी। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के हृदय स्थल पंजाब में हमले किए और संदेश दिया कि देश का संयम  खत्म हो चुका है।



ऑपरेशन सिंदूर में सिर्फ पहलगाम आतंकी हमले का क्रोध नहीं था, बल्कि संसद हमला हो, या मुंबई हमला या फिर पुलवामा हमला... हर आतंकी हमले का प्रतिशोध था। यकीन मानिए कुछ घंटों की लड़ाई में भारतीय सेना ने जो तबाही मचााई उसने पाकिस्तान की सेना को दहला दिया है। पाकिस्तानी सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर भले कितनी ही उछल कूद मचा लें, शहबाज शरीफ जीत का दावा कर लें, लेकिन हकीकत ये है कि 3-4 घंटे भी भारतीय सेना के सामने पाकिस्तान की सेना नहीं ठहर पाई। भारत ने अपने हमले में पूरी क्षमता वाले हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि काफी कम विध्वंसक हथियारों का इस्तेमाल किया। पाकिस्तान सालों से आतंकी हमले करता आ रहा था, वो भारत को चिढ़ाता था, मजाक उड़ाता था, उसने परमाणु हथियारों की आड़ में 'ब्लीड इंडिया' का भ्रम पाल रखा था, जिसे भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के साथ ध्वस्त कर दिया है। पाकिस्तान को साफ शब्दों में संदेश चला गया है कि भारत जब चाहे उसके घर में घुसकर उसे ठोक सकता है।



भारत के हवाई और मिसाइल हमलों ने पाकिस्तान के महत्वपूर्ण शहरों के एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया और भारत ने कम से कम पाकिस्तानी एयर फोर्स के 11 ठिकानों पर मौजूद अहम प्रॉपर्टी को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। भारत का सबसे बड़ा हमला रावलपिंडी, जहां पाकिस्तानी सेना का हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) है, उस शहर में किया गया। रावलपिंडी एयरबेस, जो जीएचक्यू से सिर्फ 12 किलोमीटर दूर है, भारत ने उसे तहस-नहस कर दिया। इस हमले ने पाकिस्तान को डरा दिया। भारत का ये हमला सिर्फ एक स्ट्रैटजिक हमला नहीं था, बल्कि पाकिस्तानी सेना को सीधी चुनौती थी। रावलपिंडी पर हमले ने जीएचक्यू की सांसे रोक दी और उसे संदेश मिल गया कि भारत जब चाहे जीएचक्यू को भी खत्म कर सकता है। परमाणु 'डर' की दीवार को भारत ने तोड़ा। ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने दो सबसे महत्वपूर्ण संदेश दिए हैं। पहला ये कि पाकिस्तान का कोई भी सैन्य ठिकाना या आतंकी सेंटर भारत की मिसाइलों की पहुंच से दूर नहीं हैं और दूसरा संदेश ये कि भारत ने परमाणु बम के डर की दीवार को तोड़ दिया है। भारत, पाकिस्तान की परमाणु धमकियों से विचलित हुए बिना उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा। कारगिल युद्ध के बाद पाकिस्तान के आतंकियों ने दर्जनों बार भारत में आतंकी हमले किए लेकिन पाकिस्तान की परमाणु गीदड़भभकी ने भारत के हाथ बांधकर रखे थे। पाकिस्तानी सेना की रणनीति साफ थी कि परमाणु बम की आड़ में भारत में आतंकी हमले करना, भारत को उकसाना और अगर भारत कुछ करने का फैसला ले तो परमाणु बम का कार्ड दिखाना। संसद पर हमले के बाद भी भारत ने अपनी सेना को जुटाया था लेकिन फिर भारत पीछे हट गया था। कई लोगों ने इसे भारत का धैर्य माना तो कई लोगों ने परमाणु हथियारों का डर करार दिया था लेकिन इस बार कोई भी ऐसा नहीं कह सकता है क्योंकि भारत ने अपनी सैन्य ताकत का संयम के साथ बिल्कुल नपा तुला शौर्य और पराक्रम प्रदर्शन किया है।



 जिस तरह ब्रह्मोस मिसाइल ने बहावलपुर तक  का लक्ष्य भेद कर सामरिक सामर्थ्य का बेहतरीन प्रदर्शन किया है और पाकिस्तान को बता दिया है कि पिछहतर साल से चल रही उसकी शरारतों को हमेशा के लिए शांत करने की हिम्मत भारत के नेतृत्व और सेना मे है, लेकिन यह बात भी दीगर है कि पिछहतर साल से टेढ़ी दुम एक सिंदूर आपरेशन से सीधी होने वाली नही है। यह सिर्फ एक चेतावनी है। हकीकत यह है कि पाकिस्तान की टेढ़ी दुम को सीधी करने के लिए समय समय पर आपरेशन सिंदूर की तरह कुछ और आपरेशन भी करने होंगे और उसके साथ खड़े चीन से भी कूटनीतिक स्तर पर जूझने की तैयारी करनी होगी। मनोज कुमार अग्रवाल



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