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Chaibasa. गुवा अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ फूटा मजदूरों का गुस्सा ! सप्लाई व ठेका मजदूरों ने गरजा हुंकार-संजू को वेल्लौर नहीं भेजा, तो ठप होगी खदान, Workers' anger erupted against Guwa Hospital management! Supply and contract workers roared- if Sanju is not sent to Vellore, the mine will be shut down,


Guwa (Sandeep Gupta) । गुवा खदान में कार्यरत सप्लाई और ठेका मजदूरों का गुस्सा आखिरकार फूट ही गया। झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के बैनर तले और यूनियन के केन्द्रीय अध्यक्ष रामा पांडेय के नेतृत्व में बुधवार को मजदूरों ने गुवा अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जोरदार आंदोलन छेड़ दिया।मुद्दा था- गंभीर रूप से बीमार ठेका श्रमिक संजू गोच्छाईत को बेहतर इलाज के लिए सीएमसी वेल्लौर रेफर नहीं करना। संजू गोच्छाईत की हालत गंभीर है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन उसे वेल्लौर रेफर करने से इनकार कर रहा है, यह कहते हुए कि ठेका श्रमिकों को मुफ्त इलाज की सुविधा सेल प्रबंधन से मान्य नहीं है।


 यह जवाब मजदूरों को रास नहीं आया। रामा पांडेय ने सीधे तौर पर अस्पताल प्रबंधन और सेल अधिकारियों पर ठेका व सप्लाई मजदूरों के साथ भेदभाव का आरोप मढ़ दिया। रामा पांडेय ने आक्रोशित लहजे में कहा ठेका और सप्लाई मजदूर ही गुवा खदान के उत्पादन की धूरी हैं। फिर भी उनके इलाज और सुरक्षा को लेकर सेल का रवैया मजदूर विरोधी है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इससे पहले कई ठेका मजदूरों को वेल्लौर रेफर किया गया है, फिर संजू गोच्छाईत के साथ ऐसा अन्याय क्यों? रामा पांडेय ने अस्पताल के सीएमओ डॉ. अशोक कुमार अमन और सेल के कुछ अधिकारियों को निशाने पर लेते हुए आरोप लगाया कि ये लोग मजदूरों की अनदेखी कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी भरे स्वर में कहा कि अगर इसी तरह ठेका मजदूरों के साथ अन्याय हुआ, तो आंदोलन उग्र होगा। बुधवार सुबह 10 बजे से गुवा अस्पताल परिसर में माहौल तनावपूर्ण हो गया। 


सैकड़ों महिला और पुरुष मजदूरों ने नारेबाजी शुरू की। जब रामा पांडेय के नेतृत्व में मजदूर प्रतिनिधि मंडल डॉ. अशोक कुमार अमन से मिलने अस्पताल की ओर बढ़ा, तो सीआईएसएफ जवानों ने गेट पर उन्हें रोकने की कोशिश की। स्थिति ने तूल पकड़ लिया और सीआईएसएफ व आंदोलनकारी मजदूरों के बीच धक्का-मुक्की की नौबत आ गई। धक्का-मुक्की के बाद कुछ आंदोलनकारी नेताओं को अस्पताल प्रबंधन से वार्ता के लिए अंदर भेजा गया। इस वार्ता में गुवा खदान के महाप्रबंधक (पीएंडए) प्रवीण सिंह भी शामिल हुए। करीब साढ़े ग्यारह बजे बाहर आकर रामा पांडेय ने मीडियाकर्मियों और मजदूरों को बताया-प्रबंधन ने संजू को वेल्लौर भेजने के लिए शाम तक का समय मांगा है। अगर आज शाम तक उसे रेफर नहीं किया गया, तो हम तृतीय पाली से पहले खदान गेट को जाम कर देंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि खदान गेट को पूरी तरह बंद कर दिया जायेगा। सप्लाई बसें नहीं चलेंगी। उत्पादन रुक जाएगा, और इसकी ज़िम्मेदारी सिर्फ सेल प्रबंधन की होगी।


 इस पूरे घटनाक्रम ने सेल प्रबंधन की ठेका मजदूर नीति को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। एक ओर सरकारी और कॉरपोरेट नीति में समानता और समावेश की बातें होती हैं, वहीं वास्तविकता में ठेका मजदूर दोयम दर्जे का कर्मचारी बना हुआ है। न मुफ्त इलाज, न सुरक्षा, न स्थायित्व - मगर उत्पादन में पहली पंक्ति में ! रामा पांडेय ने साफ शब्दों में कहा है ये सिर्फ संजू का मामला नहीं, ये पूरे गुवा के मजदूरों की इज्जत का सवाल है। आज अगर हमने चुप्पी साध ली, तो कल कोई और संजू अस्पताल के गेट पर दम तोड़ देगा। फिलहाल गुवा में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। शाम होते-होते तय होगा कि क्या प्रशासन श्रमिकों की मांग मानेगा या फिर एक और आंदोलन की चिंगारी भड़क उठेगी।



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