- मुरु, हेंसालोंग, लाकड़ी, तिलाईटांड, बनडीह, बाड़ेदा आदि गांव में महुआ शराब चुलाई बन गया कुटीर उद्योग
Upgrade Jharkhand News. नीमडीह थाना क्षेत्र के मुरु, तिलाईटांड़, हँसालोंग, लाकड़ी, बनडीह, बाड़ेदा, जाहिरटांड आदि गांव के गलियां इन दिनों अवैध महुआ शराब की दुर्गंध से महकने लगा है। इन गांवों में कुटीर उद्योग के रूप में अवैध महुआ शराब की भट्ठियां संचालित हो रहा है। ग्रामीण दबी जुबान कहते हैं कि पुलिस के संरक्षण में अवैध महुआ शराब का चुलाई एवं व्यपार हो रहा है। इन गांवों से प्रतिदिन हजारों लीटर महुआ शराब नीमडीह, चांडिल व तिरूलडीह थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में पहुंचाया जाता है। कम कीमत पर मिलने के कारण मजदुर एवं युवा वर्ग महुआ शराब के लत से जकड़ कर मौत को करीब बुला रहे हैं। अनेक लोग अकाल मृत्यु के शिकार भी होते हैं और परिवार को दुःख की दरिया में डाल देते हैं। अवैध शराब व्यपार का वसूली भाई नीमडीह थाना में पांच साल से अधिक समय से पदस्थापित ए एस आई मैकुलस्सर रहमान है।
गांव में फैलती है अशांति -बताया गया कि कई कारोबारी अवैध शराब से जमकर कमाई करता है। इधर ग्रामीणों को धीमा जहर परोस कर शराब कारोबारी करोड़पति बन रहा है। बुद्धिजीवियों का कहना है कि महुआ शराब से सबसे ज्यादा विपरीत असर युवा पीढ़ी पर पढ़ रहा है। शराब के लत से युवा वर्ग नशा के दलदल में धंसते चले जा रहे हैं और अपने साथ परिवार के सपनों को चकनाचूर कर रहे हैं। शराब के लत लगने वाले लोगों के परिवार में रोजाना कलह होना आम बात है।
पुलिस से बेखौफ है शराब व्यापारी-पुलिस संरक्षण प्राप्त होने के कारण अवैध महुआ शराब कारोबारियों को खौफ नहीं है। अहले सुबह चार बजे से पूरे दिन नीमडीह, चांडिल व तिरूलडीह थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में मोटरसाईकिल से शराब पहुंचाया जाता है।
महुआ खाने आ धमकते है हाथी, जान माल की करता है क्षति-शराब की चुलाई के बाद अवशेष महुआ को भठ्ठठी संचालक आसपास फेंक देता है। महुआ के गंध से हाथियों के झुंड गांव में आ धमकते है। महुआ खाकर हाथी मदमस्त होकर किसानों के फसल को नष्ट कर देता है, मकान तोड़ डालता है और कभी कभी लोगों पर भी हमला बोलते हैं। जिससे लोगों का जान जाता है या गंभीर रूप से घायल होता है। शराब समाज को दूषित कर रही है व शराब चुलाई के पानी वातावरण को प्रदूषित कर रहा है।
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