Jamshedpur (Nagendra) । झारखंड बंगलाभाषी उन्नयन समिति का राज्य स्तरीय सम्मेलन जमशेदपुर में आयोजित किया गया। जिसमें शहर के बंगला संस्थाओं के सदस्य और राज्य के विभिन्न जिलों से काफी संख्या में लोग शामिल हुए। सम्मेलन में बंगला भाषा की अवहेलना के विरुद्ध आवाज उठाई गई और सभी वक्ताओं ने एकजुट होकर बड़े आंदोलन की जरूरत पर जोर दिया। समिति के उपाध्यक्ष काबू दत्ता ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा बंगला भाषा को नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि राज्य की एक तिहाई से अधिक आबादी बंगला भाषा भाषी है। उन्होंने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम बदलने का उदाहरण देते हुए बताया कि इससे बंगला भाषियों को गहरा आघात पहुंचा है।
झारखंड में भाषाई अधिकारों की लड़ाई - सम्मेलन में बंगला भाषा के संरक्षण और अधिकारों के लिए एक मजबूत आंदोलन के लिए तैयारी की बात कही गई। समिति ने राज्य में बंगला भाषा की पढ़ाई को स्कूलों में शामिल करने और भाषा के अस्तित्व को सुरक्षित करने का संकल्प लिया। आगामी दिनों में बड़े पैमाने पर आंदोलन की योजना बनाई जा रही है। जिससे बंगला भाषी अपने हक के लिए मजबूती से खड़े हो सकें। समिति ने बंगला भाषा को सम्मान और सरकारी मान्यता दिलाने के लिए सभी से सहयोग की अपील की।
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