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Chaibasa 24 घंटे बाद बेटी को देख फूट पड़ी मां, गुवा पुलिस,डालसा एवं जेएसएलपीएस की मदद से टाटानगर से रेस्क्यू कर परिजनों को सौंपी नाबालिग, Mother broke down after seeing her daughter after 24 hours, with the help of Guwa Police, DLSA and JSLPS, the minor was rescued from Tata Nagar and handed over to the family

 


Guwa (Sandeep Gupta) । 24 घंटे की बेचैनी और डर के बाद जब नुईया गांव की एक मां ने गुवा थाना परिसर में अपनी बेटी को सकुशल देखा, तो आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। यह वही बेटी थी जिसे एक महिला बेहतर नौकरी का सपना दिखाकर चेन्नई ले जा रही थी, लेकिन गुवा थाना पुलिस,डालसा,जेएलएसपीएल जेंडर सीआरपी और टाटानगर रेल पुलिस की मुस्तैदी ने एक बड़ा अपराध होने से रोक दिया। नाबालिग को रेस्क्यू कर शुक्रवार को गुवा थाना लाया गया और थाना प्रभारी नीतीश कुमार ने उसे ससम्मान परिजनों को सौंप दिया। थाना परिसर में जैसे ही 16 वर्षीय लड़की को उसकी मां की गोद में सौंपा गया, वहां मौजूद लोग भावुक हो उठे। मां की आंखों से झर-झर आंसू बहने लगे और उसने थानेदार नीतीश कुमार और उनकी टीम तथा डालसा के पीएलभी दिल बहादुर,जेएसएलपीएस  जेंडर सीआरपी गीता देवी,बाल अधिकार मंच के पदमा केसरी को धन्यवाद देते हुए कहा भगवान का रूप हैं आप लोग, मेरी बच्ची को नरक में जाने से बचा लिये। 



लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने वाली नोवामुण्डी की महिला नुईया गांव के आस-पास आती-जाती रहती थी और गांव की एक बहू से उसका संबंध था। इसी भरोसे का फायदा उठाकर वह लड़की को ट्रेन में बैठा ले गई। लेकिन बड़ाजामदा स्टेशन पर साथ गई दो अन्य लड़कियों को शक हुआ और वे सतर्क होकर उतर गईं। घर लौटकर उन्होंने जो बताया, उसने पूरे गांव को हिला दिया। दोनों सहेलियों की सतर्कता ने ही समय रहते पुलिस को कार्रवाई का मौका दिया। परिजनों से जानकारी मिलते ही गुवा थाना पुलिस ने नोवामुंडी और टाटानगर रेल पुलिस के साथ समन्वय बनाकर तुरंत ऑपरेशन शुरू किया। रेलवे स्टेशन पर चलाए गए सघन तलाशी अभियान में महिला तस्कर के साथ लड़की को पकड़ा गया। पूछताछ में सामने आया कि उसे चेन्नई ले जाकर घरेलू नौकरानी या होटल में काम दिलाने का झांसा दिया गया था। सूत्र बताते हैं कि 26 जून को टाटानगर स्टेशन से 16 अन्य युवतियों को भी रेस्क्यू कर मानव तस्करी होने से बचाया गया है। 



घटना के ठीक अगले दिन नुईया गांव की एक और महिला अपनी बेटी की गुमशुदगी की शिकायत लेकर थाना पहुंची। आशंका है कि वह भी उसी नेटवर्क का हिस्सा बन चुकी है जो बच्चियों को बड़े शहरों में बेचने का काम करता है। हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस घटना के बाद नुईया, नोवामुंडी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में मानव तस्करों के खिलाफ आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे अपराधों में शामिल लोगों को कड़ी सजा दी जाए और गांव की बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। गुवा थाना प्रभारी नीतीश कुमार ने ग्रामीणों से अपील की है कि किसी भी बाहरी व्यक्ति पर आंख मूंदकर विश्वास न करें। यदि कोई नौकरी या अच्छे भविष्य का सपना दिखाकर बच्चों को बाहर ले जाने की कोशिश करे तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।



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