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Chaibasa गंगदा पंचायत में पेयजल संकट पर सड़क जाम आंदोलन समाप्त, एक माह में समाधान का मिला आश्वासन, Road blockade agitation over drinking water crisis ends in Gangda Panchayat, assurance of solution received in a month

 


Guwa (Sandeep Gupta) । झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत गंगदा पंचायत के 14 गांवों के ग्रामीणों ने सोमवार सुबह पेयजल संकट को लेकर सारंडा विकास समिति, जामकुन्डिया-दुईया के नेतृत्व में बड़ाजामदा-किरीबुरु-मनोहरपुर मार्ग (NH-33) को सलाई चौक पास दो घंटे तक पूरी तरह जाम कर दिया। सुबह 6:00 बजे शुरू हुआ यह आंदोलन प्रशासनिक हस्तक्षेप और लिखित आश्वासन के बाद लगभग 8:00 बजे समाप्त हुआ। गंगदा पंचायत के 14 गांवों में लंबे समय से पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना और आसन जलापूर्ति योजना के तहत इन गांवों में पाइपलाइन अधूरी है, या फिर पूरी तरह निष्क्रिय पड़ी है। कई टोलों में अब भी नदी, नाला और झरनों पर निर्भरता बनी हुई है, जिससे गर्मी के मौसम में हालात और भी बदतर हो जाते हैं। 


सड़क जाम की सूचना मिलते हीं पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के एसडीओ, मनोहरपुर के अंचलाधिकारी, बीडीओ, कार्यकारी एजेंसी के संवेदक व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और आंदोलनकारियों से वार्ता की। वार्ता के बाद एक लिखित आश्वासन पत्र दिया गया जिसमें स्पष्ट किया गया कि ग्रामसभा के माध्यम से सभी प्रभावित गांवों की सूची देने पर उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी,एक माह के भीतर युद्ध स्तर पर कार्य कर पेयजल संकट का समाधान किया जाएगा,अधूरे पड़े पाइपलाइन कार्यों को मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना और आसन योजना के तहत शीघ्र पूरा किया जाएगा,कार्य पूर्ण होने के बाद सभी 14 गांवों के मुंडा और मुखिया से संतुष्टि प्रमाण पत्र लिया जाएगा। सारंडा विकास समिति और ग्राम प्रतिनिधियों ने प्रशासन से वादा किया कि एक सप्ताह के भीतर प्रभावित टोलों की विस्तृत सूची ग्रामसभा के माध्यम से तैयार कर विभाग को सौंप दी जाएगी ताकि कार्य में देरी न हो। इस दौरान विभाग ने यह भी कहा कि यदि संवेदक एक माह के भीतर कार्य पूरा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्यवाही कर वैकल्पिक व्यवस्था किया जायेगा।


सारंडा विकास समिति और गंगदा पंचायत के मुखिया राजू सांडिल ने चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर पेयजल संकट का समाधान नहीं होता है, तो ग्रामीण पुनः NH-33 को अनिश्चितकाल के लिए जाम करेंगे। समिति ने स्पष्ट किया कि यह अंतिम चेतावनी है और अगला आंदोलन और भी उग्र होगा। सड़क जाम के कारण बड़ाजामदा, किरीबुरु और मनोहरपुर के बीच वाहनों की लंबी कतार लग गई। खासकर स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं, कार्यालय कर्मचारियों आदि को काफी परेशानी उठानी पड़ी। हालांकि आंदोलन शांतिपूर्ण रहा और किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। सड़क जाम आंदोलन का नेतृत्व सारंडा विकास समिति के अध्यक्ष सह गंगदा पंचायत के मुखिया सुखराम उर्फ राजू सांडिल ने किया। विभागीय लिखित आश्वासन के बाद उन्होंने सुबह लगभग 8:00 बजे आंदोलन समाप्ति की घोषणा की, जिसके बाद NH-33 पर यातायात सामान्य हुआ।



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