Jamshedpur (Nagendra) । ऐतिहासिक डूरंड कप लगातार दूसरे वर्ष जमशेदपुर लौट रहा है। 134 वें इंडियन ऑयल डूरंड कप की तीन प्रतिष्ठित्त ट्रॉफियां सोमवार (7 जुलाई, 2025) को यहां एक्सएलआरआई ऑडिटोरियम में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदर्शित की जाएंगी। इस अवसर पर झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। साथ ही कई अन्य विशिष्अठ तिथिगण भी समारोह में शिरकत करेंगे। ट्रॉफियों की यह प्रदर्शनी अगले दिन तक चलने वाली शहरव्यापी रोड शो का हिस्सा होगी। जमशेदपुर ने पिछले वर्ष पहली बार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की सफलतापूर्वक मेज़बानी की थी। माननीय राज्यपाल के अलावा, इस आयोजन में झारखंड सरकार के पर्यटन, कला, संस्कृति, खेल एवं युवा मामलों के मंत्री सुदिव्य कुमार, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री रामदास सोरेन, मुख्यालय ईस्टर्न कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ एवं डीसीओसी के चेयरमैन लेफ्टिनेंट जनरल मोहित मल्होत्रा, एवीएसएम, एसएम, और टाटा स्टील के कॉरपोरेट सर्विसेज के उपाध्यक्ष डी.बी. सुंदरा रमण भी उपस्थित रहेंगे।
तीनों प्रतिष्ठित ट्रॉफियां, मूल डूरंड कप, शिमला ट्रॉफी (1904 में शिमला के नागरिकों द्वारा भेंट की गई) और प्रेसिडेंट्स कप (जीतने वाली टीम द्वारा स्थायी रूप से रखा जाता है) को औपचारिक रूप से अनावरण किया जाएगा। ट्रॉफियों के अनावरण के बाद देशभक्ति व क्षेत्रीय लोक नृत्य प्रस्तुतियां होंगी, जिनमें भांगड़ा, संथाली नृत्य और पारंपरिक छऊ नृत्य स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके बाद, तीनों ट्रॉफिया शहर के प्रमुख स्थलों, मानगो बस स्टैंड, साकची सर्किल और जुस्को सर्किल से होती हुई उन स्थलों की यात्रा करेंगी, जहां डूरंड कप के मैच खेले जाएंगे। इसके पश्चात ट्रॉफियां जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में प्रदर्शित की जाएंगी और बाद में बिष्टुपुर चौक पर भी उनका प्रदर्शन होगा। ट्रॉफी टूर 8 जुलाई को सुबह 6 बजे जुबली पार्क से फिर शुरू होगा। इसके बाद यह ट्रॉफियां सुबह 9 बजे से 11 बजे तक टाटा मोटर्स में प्रदर्शित की जाएंगी। दोपहर 12 बजे से ट्रॉफियां टाटानगर रेलवे स्टेशन पर तीन घंटे तीस मिनट तक प्रदर्शित की जाएंगी, जिसके बाद यह यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पी एंड एम मॉल की ओर अग्रसर होगी। यहां शहर भर के खेलप्रेमी और आमजन एशिया के सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंट की भव्यता को करीब से देख सकेंगे।
डूरंड कप के बारे में एक नजर : भारत के फुटबॉल इतिहास और संस्कृति का प्रतीक, डूरंड कप एशिया का सबसे पुराना और दुनिया का तीसरा सबसे पुराना फुटबॉल टूर्नामेंट है। तीनों सेनाओं की ओर से भारतीय सेना द्वारा आयोजित, डूरंड कप वर्षों से भारत की सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल प्रतिभाओं के लिए प्रजनन स्थल रहा है। इसका उद्घाटन संस्करण 1888 में शिमला में हुआ था और फिर यह टूर्नामेंट 1940 में नई दिल्ली चला गया, जहाँ यह 2016 तक आयोजित किया गया। 2019 में, टूर्नामेंट पूर्वी कमान के तत्वावधान में आया और देश के पूर्वी हिस्से में चला गया, जहाँ कोलकाता, भारतीय फुटबॉल का मक्का और पूर्वी कमान मुख्यालय, इसका घरेलू आधार था।
डूरंड कप को और भी अनोखा बनाने वाली बात यह है कि विजेताओं को तीन ट्रॉफी मिलती हैं, दो रोटेटिंग (डूरंड कप और शिमला ट्रॉफी) और एक स्थायी रखने के लिए (प्रेसिडेंट कप)। जैसा कि हम आने वाले हफ्तों में इस रोमांचक यात्रा पर निकल रहे हैं, आइए हम फुटबॉल के खूबसूरत खेल का जश्न मनाएँ, डूरंड कप की परंपराओं का सम्मान करें और शानदार पलों को देखने के लिए तत्पर रहें जो हमारी यादों में हमेशा के लिए अंकित हो जाएँगे।
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