Jamshedpur (Nagendra) तुरामडीह माइंस में बीते 6 सितंबर को काम के दौरान ठेकाकर्मी स्व. जयराम हांसदा की इलेक्ट्रिक शॉक से मौत के बाद से पीडि़त परिवार और ग्रामीण कंपनी गेट पर धरना-प्रदर्शन कर हड़ताल कर रहे थे. विधायक संजीव सरदार निजी कारणों से राज्य से बाहर थे। क्षेत्र में लौटते ही उन्होंने मंगलवार को सीधे पीडि़त परिवार से मुलाकात की और आंदोलन स्थल पर जाकर स्थिति का जायजा लिया। तत्पश्चात विधायक संजीव सरदार की अध्यक्षता में पीडि़त परिवार, जिला प्रशासन और यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसिल) प्रबंधन के बीच त्रिपक्षीय वार्ता हुई।
वार्ता के बाद सहमति बनी कि खान अधिनियम 1923 के तहत कंपनी पीडि़त परिवार को 20 लाख रुपये और संवेदक की ओर से 8 लाख रुपये मुआवजा दी जाएगी। इसके अलावा परिवार के एक आश्रित सोमवारी हांसदा (मृतक की धमपत्नी) को यूसिल में तीन महीने के भीतर स्थायी नौकरी प्रदान करने पर भी सहमति बनी। इस समझौते के बाद परिजनों ने अनशन समाप्त किया और कंपनी गेट जाम हटाया। इस अवसर पर यूसिल के मनोज कुमार (निदेशक तकनीकी), चंचल मन्ना (महाप्रबंधक, खान), राकेश कुमार (डीजीएम, कार्मिक) के साथ प्रशासनिक अधिकारी चंद्रजीत सिंह (अनुमंडल पदाधिकारी, धालभूम), डीएसपी संदीप भगत, डीएसपी तौकीर आलम, मनोज कुमार, अंचल अधिकारी शामिल थे।
इस वार्ता में घाटशिला के वरीय झामुमो नेता और स्वर्गीय रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश चंद्र सोरेन भी मुख्य रूप से मौजूद रहे। बैठक में आश्रित पत्नी सोमवारी हांसदा के अलावा झामुमो नेता बाघराय मार्डी, बहादुर किस्कू, महावीर मुर्मू, पल्टन मुर्मू, रामचंद्र मार्डी, जीतराई हांसदा, सुधीर सोरेन, जीतेन हेंब्रम, चंद्रशेखर हांसदा, मंगल केराई, गणेश सरदार, बिल्टू हांसदा आदि भी मौजूद थे।
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