Jamshedpur (Nagendra) बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में चल रहे स्वदेशी मेले के सभागार में "आत्मनिर्भर भारत का आधार-उद्यमिता " और सतत विकास एवं पर्यावरण के विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आर.एस .बी ग्रुप के वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एस.के.बेहेरा, सोना देवी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रभाकर सिंह, अरका जैन विश्वविद्यालय के निदेशक अमित श्रीवास्तव, श्रीनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) एस.एन सिंह, स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य मनोज कुमार सिंह, पर्यावरण विद कविता परमार, स्वदेशी मेला के सहसंयोजक अमिताभ सेनापति, स्वावलंबी भारत के जिला सहसंयोजक अमरेश झा मुख्य रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम का उद्घाटन मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर एवं भारत माता के चलचित्र में पुष्पांजलि कर किया गया। इस संगोष्ठी में उपस्थित सैकड़ो विद्यार्थियों , युवाओं एवं शिक्षक गणों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एस.के.बेहरा जी ने कहा की आज आत्मनिर्भर भारत का अर्थ है — ऐसा भारत जो अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति स्वयं कर सके, और अपने संसाधनों, तकनीक व युवाशक्ति के बल पर विकास की राह पर आगे बढ़े। उद्यमिता यानी एंटरप्रेन्योरशिप — वह शक्ति, जो किसी व्यक्ति को अपने विचारों को एक नए व्यवसाय या उद्योग के रूप में विकसित करने के लिए प्रेरित करती है। उद्यमी केवल अपना भाग्य नहीं बदलता, बल्कि समाज के अनेक लोगों को रोजगार देकर पूरे देश की दिशा बदल देता है। जब कोई युवा अपने हुनर से नया व्यवसाय शुरू करता है, तो वह न केवल स्वयं को आत्मनिर्भर बनाता है, बल्कि दूसरों को भी रोजगार देकर राष्ट्र की प्रगति में योगदान देता है।
इसीलिए कहा गया है — “एक सफल उद्यमी सौ बेरोजगारों का भाग्य बदल सकता है।” यदि हम आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करना चाहते हैं, तो हमें “नवाचार और उद्यमिता” की भावना को अपनाना होगा। हमें छोटे-छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देना होगा, “वोकल फॉर लोकल” के मंत्र को अपनाना होगा, और भारतीय उत्पादों पर गर्व करना होगा। एवं अधिक से अधिक स्वदेशी वस्तुओं को अपने दिनचर्या में उपयोग करना होगा। आत्मनिर्भर भारत केवल एक सरकारी नारा नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय संकल्प है और इस संकल्प की पूर्ति तभी होगी, जब देश का हर युवा उद्यमी बनेगा, नवाचार करेगा और भारत को विश्व गुरु बनाने में योगदान देगा। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथिगण प्रभाकर सिंह, अमित श्रीवास्तव एवं प्रोफेसर (डॉ) एसएन सिंह ने कहा कि भारत आज एक ऐसे निर्णायक मोड़ पर खड़ा है जहां इसकी आबादी तकनीकी प्रगति और नवाचार की भावना से मिलकर विकास के एक नए युग की शुरुआत कर सकते हैं।
उद्यमिता आर्थिक विकास के लिए एक गतिशील इंजन के रूप में कार्य करती है जो बेरोजगारी जैसी गंभीर चुनौतियों का समाधान करती है और एक अधिक लचीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती है, जहां व्यक्तियों को रोजगार सृजन और नए उद्योगों की खोज के लिए सशक्त बनाकर यह सतत प्रगति की नींव रखती है। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय परिषद सदस्य श्री मनोज सिंह ने कहा कि विकसित भारत की यात्रा एक सामूहिक प्रयास है जिसके लिए व्यक्तियों संस्थाओं नीति निर्माता की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। उद्यमिता व सेतु है जो सपनों को हकीकत में बदल सकता है नवाचार लचीलेपन और आत्मनिर्भरता की संस्कृति को बढ़ावा दे सकता है। उद्यमिता शिक्षा में निवेश करके और एक सहायक परिस्थिति का निर्माण करके हम लाखों भारतीयों की क्षमता को उजागर कर सकते हैं और आर्थिक विकास को गति दे सकते हैं 2047 की ओर बढ़ने के लिए हम एक ऐसे भारत की कल्पना करें जहां प्रत्येक व्यक्ति को नवाचार करने नेतृत्व करने और एक उज्जवल भविष्य के लिए योगदान करना का अवसर मिले हम सब मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं जो विकसित भारत को सच्ची भावना से विकास करने और समृद्ध समावेशी और आत्मनिर्भर बनाने में सबके सहयोग की आवश्यकता है।
इस कार्यक्रम के संयोजक कोल्हान विश्वविद्यालय के पूर्व सीनेट एवं सिंडिकेट सदस्य अमिताभ सेनापति जी ने कहा की आज हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक योजनाएँ चला रही है — जैसे स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, और स्टैंड अप इंडिया जैसी योजनाएँ। इन योजनाओं का उद्देश्य है — युवाओं को प्रोत्साहन देना ताकि वे नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनें। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता उद्यमी एवं स्वावलंबी भारत अभियान के जिला सह समन्वयक श्री अमलेश झा ने किया। मंच का संचालन जी आई आई टी प्रोफेशनल कॉलेज के एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर प्रतिभा रानी मिश्रा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन संगोष्ठी विभाग के नीतीश मोनी तिवारी ने किया।
कार्यक्रम के अंत में सभी विद्यार्थियों को इस संगोष्ठी से संबंधित प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इस अवसर पर जमशेदपुर वूमेंस यूनिवर्सिटी, अरका जैन यूनिवर्सिटी विश्वविद्यालय, श्रीनाथ विश्वविद्यालय, एनटीटीफ, रंभा कॉलेज ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस, आईडीटीआर, सोना देवी यूनिवर्सिटी, कोल्हान विश्वविद्यालय अंतर्गत जमशेदपुर कोऑपरेटिव कॉलेज, ग्रेजुएट कॉलेज फॉर वूमेन, एलवीएसएम कॉलेज, वर्कर्स कॉलेज, एबीएम कॉलेज सहित विभिन्न महाविद्यालयों के सैकड़ो विद्यार्थीगण एवं शिक्षक गण उपस्थित थे। सांस्कृतिक संध्या में बतौर अतिथि शहर के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं व्यवसायी विकास सिंह और स्मिता परीख़ जी रहीं जिन्होंने 16 राज्यों के प्रादेशिक एवं पारम्परिक लोकनृत्य की प्रस्तुति का उद्घाटन किया।
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