Jamshedpur (Nagendra) झारखंड की राजनीति में विचार, संघर्ष और जन-जुड़ाव की नई दिशा देने वाले नेताओं की सूची में जब नाम गिनाए जाते हैं, तो कुणाल षड़ंगी हमेशा अग्रणी स्थान पर खड़े दिखाई देते हैं। लेकिन अब उनकी पहचान सिर्फ एक जननेता तक सीमित नहीं—वे झारखंड की आवाज़ को वैश्विक विमर्श में बदलने वाले पुल बन चुके हैं। 21 नवंबर 2025 को उनका लंदन और जिनेवा दौरा केवल राजनीतिक यात्रा नहीं, बल्कि झारखंड की सांस्कृतिक विरासत, जल-जंगल-जमीन के संघर्ष और आधुनिक सामाजिक चुनौतियों को विश्व समुदाय तक पहुँचाने का ऐतिहासिक अवसर है। 21 नवंबर को ब्रिटेन की प्रतिष्ठित University of Sussex में कुणाल षड़ंगी झामुमो की वैचारिक नींव, झारखंडी समाज के संघर्षों और दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के आंदोलन की ऐतिहासिक भूमिका पर व्याख्यान देंगे।
यह पहली बार है जब झारखंड की जनसंस्कृति और संघर्षों की गहरी समझ यूरोप के अकादमिक मंच पर प्रत्यक्ष रूप से प्रस्तुत होगी—और यह अपने आप में एक ऐतिहासिक पड़ाव है। वहीं 24 से 26 नवंबर तक आयोजित UN Business & Human Rights Forum (UNBHR) में उनकी भागीदारी झारखंड के लिए एक नए अध्याय का आरंभ है। व्यापार, मानवाधिकार और सतत विकास की वैश्विक बहसों में झारखंड की आवाज़ शामिल होना—यह गर्व का विषय भी है और राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर भी। कुणाल षड़ंगी लगातार यह संदेश दे रहे हैं कि झारखंडी परंपराएँ शिबू सोरेन जी का संघर्षमय जीवन, जन आंदोलनों का इतिहास और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मानवाधिकार-केन्द्रित विकास मॉडल सिर्फ स्थानीय मुद्दे नहीं, बल्कि वैश्विक महत्व के उदाहरण हैं। यह कोई पहला अवसर नहीं है जब उन्होंने झारखंड और भारत की प्रतिनिधित्वपूर्ण उपस्थिति वैश्विक मंच पर दर्ज कराई हो।
2016 में MIT, पुणे की भारतीय छात्र संसद में Ideal Youth MLA Award झारखंड के पहले विधायक के रूप में उन्हें मिला है।राष्ट्रीय CPA सम्मेलन (गोवा), राष्ट्रीय व्हिप्स सम्मेलन (विशाखापत्तनम, उदयपुर) और राष्ट्रीय विधायिका सम्मेलन (दिल्ली) में झारखंड का प्रतिनिधित्व भी उन्होंने सफलता पूर्वक किया है । 2018 में अमेरिकी सरकार के IVLP प्रोग्राम के लिए चयन होना झारखंड से पहली उपलब्धि रही।
इसी यात्रा में अर्कांसस राज्य द्वारा गुडविल ब्रांड एंबेसडर का सम्मान भी इन्हें प्राप्त हुआ । 2019 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के India Conference में वक्ता के रूप में शामिल हुए । साथ ही यूनिसेफ इंडिया के साथ Child Reporters Initiative व Generation Unlimited में सक्रिय नेतृत्व किया । वहीं 2024 में FIA Chicago द्वारा International Youth Icon Award मिला। कुणाल षड़ंगी की यह अंतरराष्ट्रीय सक्रियता केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है—यह झारखंड की नई राजनीतिक पहचान का निर्माण है। अब झारखंड सिर्फ एक संसाधन-समृद्ध राज्य नहीं, बल्कि संघर्ष, संस्कृति और मानवाधिकार मूल्यों का वैश्विक मॉडल के रूप में उभर रहा है। उनकी यात्रा यह साबित करती है कि स्थानीय संघर्ष भी वैश्विक विमर्श का हिस्सा बन सकते हैं—यदि उन्हें सही स्वर, सही मंच और सही नेतृत्व मिले। यह झारखंड के लिए गौरव का क्षण है। एक ऐसा क्षण, जो आने वाले समय में राज्य की वैश्विक पहचान को और मज़बूत करेगा।



No comments:
Post a Comment