गुवा । झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रामा पांडे ने शुक्रवार देर शाम को रेलवे मार्केट स्थित अपने कार्यालय में मजदूरों को संबोधित कर कहा कि गुवा सेल खदान के नए आए सीजीएम कमल भास्कर का सपना है कि आने वाले सालों में गुवा सेल खदान का उत्पादन 10 मिलियन टन करने का। परंतु यह सपना उनका सपना ही रह जाएगा वह कभी पूरा नहीं होगा। गुवा सेल खदान का मजदूर ही रीड की हड्डी है।
मजदूर के बिना यह सपना उनका धरा का धरा रह जाएगा। इस संबंध में झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रामा पांडे ने सहायक श्रम आयुक्त चाईबासा को पत्र लिखकर सूचित कराया है कि गुवा अयस्क खदान, सेल बीएसएल के प्रबंधन के बीच मौजूदा विवाद पर आकर्षित किया की अनुबंध श्रम की धारा 10 के तहत जारी अधिसूचना के अनुसार (विनियमन और उन्मूलन) अधिनियम, 1970, लौह अयस्क खदानों में निम्नलिखित कार्यों के निष्पादन के लिए अनुबंध श्रमिकों की नियुक्ति को निषिद्ध श्रेणी अधिसूचना एस.ओ. के तहत घोषित किया गया है।
जिसमें ओवरबर्डन हटाना,ड्रिलिंग और ब्लास्टिंग,फ्लोट अयस्क संचालन अधिसूचना एस.ओ. क्रमांक 3103 दिनांक 28.05.1982 के तहत क्रशर प्लांट, स्क्रीनिंग प्लांट और/या कन्वेयर बेल्ट में गंदगी साफ करने का काम और वैगन लेवलिंग का काम।लेकिन गुवा अयस्क खदान प्रबंधन ने उपरोक्त निषिद्ध कार्यों को ठेका श्रमिकों से कराने के लिए विभिन्न ठेकेदारों को नियुक्त किया गया है। जो सीधे तौर पर उपरोक्त अधिसूचनाओं का उल्लंघन है। इसके अलावा, इस तरह के कई अन्य अनुबंध कार्यान्वयन के लिए तैयार हैं और कुछ पाइपलाइन में हैं।
इस संबंध में सेल प्रबंधन के साथ कई पत्राचार करने के बावजूद निषिद्ध श्रेणी के तहत ठेकेदारों की इस तरह की संलिप्तता पर सेल प्रबंधन सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है। और उपर्युक्त अधिसूचनाओं का उल्लंघन जारी रख रहा है। इसको देखते हुए सेल प्रबंधन के ऊपर कार्रवाई की जाए। अन्यथा झारखंड मजदूर संघर्ष सेल कर्मियों के साथ आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
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