गुवा । सारंडा जंगल के विभिन्न गांव क्षेत्र में कई ग्रुप में बंटे हाथियों का आतंक जारी है। सारंडा के टोंटोगड़ा में एक हाथी ने हेटो सुरीन एवं गुरु बुरमा का घर तोड़ दिया। इसके बाद ग्रामीण हाथी को झाड़बेड़ा गांव के समीप जंगल में खदेड़ दिया। इसके बाद झाड़बेड़ा के ग्रामीणों ने पास के जंगल में एक हाथी होने की खबर वन विभाग की टीम को दी।
किरीबुरु के रेंजर शंकर भगत ने हाथी की जानकारी मिलने पर किरीबुरु एवं गुवा के वन विभाग की टीम के साथ-साथ पश्चिम बंगाल से हाथियों को भगाने आई विशेषज्ञों की टीम के साथ झाड़बेड़ा गांव पहुंचे। उसके बाद ग्रामीणों के बताये जंगल क्षेत्र में हाथी को भगाने पहुंचे। वहां हाथियों ने टीम पर हमला करने की कोशिश की। इससे टीम में शामिल झाड़बेड़ा के ग्रामीण मंगरा, रतन उर्फ मोटू, उमेश और बब्लू भागे, जिससे गिरकर मामूली रुप से घायल हो गये।
पश्चिम बंगाल की टीम ने तत्काल मशाल जलाकर हाथियों को जंगल में भगा दिया। हाथी जब टीएसएलपीएल खदान क्षेत्र के जंगलों में पहुंचे गये तो सभी जंगल से लौट आए। दूसरी तरफ मेघाहातुबुरु खदान क्षेत्र से सटा रांगरिंग गांव में 8-10 हाथी और कुमडीह गांव क्षेत्र में पांच हाथियों का झुंड लगातार उत्पात मचा रहा है। हाथियों के भय से ग्रामीण जंगलों में मशरूम, रुगड़ा समेत अन्य वनोत्पाद खोजने नहीं जा पा रहे हैं।
जंगल के रास्ते हाट-बाजार अथवा एक गांव से दूसरे गांव व शहरों में जाने से डर रहे हैं। रेंजर शंकर भगत ने लोगों से अपील की कि ग्रामीण जंगल के अंदर अभी नहीं जाएं अथवा सतर्क होकर जायें। उन्होंने कहा कि सारंडा प्रारम्भ से हाथियों का निवास स्थल रहा है। हमारी टीम निरंतर हाथियों को भगाने के कार्य में लगी है।
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