गुवा । सारंडा वन प्रमंडल अंतर्गत गुवा वन प्रक्षेत्र के तत्वावधान में 74 वां वन महोत्सव एवं हाथी दिवस सारंडा के रोवाम एवं बराईबुरु स्थित हाथी स्मारक पर मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ बतौर मुख्य अतिथि गंगदा के मुखिया सुखराम उर्फ राजू सांडिल, विशिष्ट अतिथि गुवा के रेंजर अखिलेश कुमार त्रिपाठी, पंसस रामेश्वर चाम्पिया, मुंडा बुधराम सिद्धू, समाजसेवी जोगेश्वर गोप ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
इसके बाद वन विभाग ने सभी अतिथियों को पौधा भेंट कर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि राजू सांडिल ने कहा कि वनों में रहने वाले वनवासी प्रारम्भ से हीं प्रकृति के पुजारी रहे हैं। जंगल व पेड़-पौधे हमारे जीने का आधार है। इसके बगैर हम एक पल भी जिंदा नहीं रह सकते हैं। रेंजर अखिलेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि सारंडा जंगल हाथियों का निवास स्थल है।
हाथी प्रकृति, जंगल और मानव से प्रेम करती है। हाथियों के जीवन में खलल डालने, छेड़छाड़ करने, उसके कॉरिडोर को नष्ट करने से वह नाराज होकर उग्र होते है। हमें वन प्राणियों के कॉरिडोर व शरणस्थली को बचाना है। क्योंकि जंगल की यह अनमोल उपहार व श्रृंगार हैं।
इसके बाद सभी बराईबुरु स्थित हाथी स्मारक के पास पहुंचे एवं हाथी की प्रतिमा की पूजा-अर्चना कर हाथियों की रक्षा हेतु सभी ने शपथ लिया। इस दौरान फॉरेस्टर छोटेलाल मिश्रा, समित बनर्जी, कमल महतो, निर्मल महतो, घनश्याम देवगम, आनंद किशोर बारला, जगन्नाथ गोप, रामो सिद्धू आदि दर्जनों मौजूद थे।
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