उन्होंने बताया कि जिले में विगत दिसंबर'2022 माह का चावल वितरण नहीं हुआ था। इसे लेकर उन्होंने खाद्य आयोग को एक पत्र लिखकर शिकायत की थी। उक्त शिकायत पर काफी दिनों तक सुनवाई चली। राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी ने लगभग छह महीने सुनवाई के बाद विगत 19 जुलाई'2023 को इसकी सुनवाई पूरी की। सुनवाई के दौरान उन्होंने पाया कि दिसंबर माह का चावल जो पूरे जिले के लाभुकों को बांटा जाना था वह गायब हो गया है।
इस पर खाद्य आयोग ने राज्य सरकार को दिशा निर्देश दिया है कि दिसंबर महीना का चावल हर हाल में लाभुकों को उपलब्ध कराया जाए और जो चावल गायब हो गए है इसकी खोजबीन की जाए। साथ ही, दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया है। इस तरह आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश देकर इस मामले का निष्पादन कर दिया है।
हांसदा ने इस मामले की सुनवाई के लिए खाद्य आयोग का आभार जताया हैं और कहा है कि राज्य सरकार इस मामले पर सुस्ती बरत रही है। यदि दो माह के भीतर राज्य सरकार गायब हुए चावल को बरामद कर दोषियों पर कार्रवाई नहीं करती है तो वे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और इस मामले पर पीआईएल भी दायर करेंगे। प्रेसवार्ता में राम कृष्णा मोदी, विशु महतो, पवन महतो, रजनीश राठौर, चिनमय महतो, महाजन साहू, सपन महतो आदि भी शामिल थे।
No comments:
Post a Comment