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झारखंड स्टेट बार काउंसिल चेयरमैन को वकीलों ने पत्र लिख पूछा चुनाव पर रोक क्यों?, Lawyers wrote a letter to Jharkhand State Bar Council Chairman asking why the elections were banned?


सुनील भौमिक एवं सुधीर पप्पू के नेतृत्व में चला हस्ताक्षर अभियान

जमशेदपुर । जमशेदपुर बार एसोसिएशन के वकीलों ने झारखंड स्टेट पार्क काउंसिल के अध्यक्ष को पत्र लिखकर पूछा है कि चुनाव क्यों रोक कर रखा गया है। किन कारणों से चुनाव नहीं कराया जा सकता है। जमशेदपुर बार एसोसिएशन के तकरीबन दो सौ से ज्यादा सदस्यों का संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र झारखंड राज्य बार काउंसिल के चेयरमैन को लिखा है और इसकी प्रतिलिपि तदर्थ समिति के अध्यक्ष, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय और जिला उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम को सौंपी गई है।

रेगुलर प्रैक्टिशनर वकीलों की ओर से बताया गया है कि जमशेदपुर में वकीलों द्वारा निर्वाचित कमेटी स्थायी रुप से कार्य करती रहती है परंतु पिछले चार साल से कमेटी अस्तित्व में नहीं है और चुनाव भी रुका हुआ है। चेयरमैन को यह भी याद दिलाया गया है कि दुनिया का यह सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है परंतु विडंबना है कि यहां संस्थान बिना चुनाव के कम कर रही है अर्थात लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं है।

यहां वकीलों को दिन प्रतिदिन कई प्रकार की अवस्था एवं परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है। वेलफेयर ट्रस्ट से मिलनेवाला डेथ मेंबर्स फैमिली असिस्टेंस, अधिवक्ता के पहचान पत्र, फर्जी सदस्यों की बढ़ती संख्या, संस्था का आय व्यय जैसी समस्याएं गिनी जा सकती हैं। इन सारी समस्याओं को आम सभा के माध्यम से कार्य करने के समक्ष रखा जाता है जिससे समाधान का आसान रास्ता निकले। लेकिन जमशेदपुर बार में यह सारी व्यवस्थाएं बंद पड़ी हुई है।

ऐसे में सहज ही सवाल उठता है कि यहां चुनावी प्रक्रिया क्यों और किन कर्म से रुकी हुई है। यहां यह बताना उचित होगा कि पिछले 4 सालों से चुनावी प्रक्रिया रुकी होने के कारण अधिवक्ताओं के बहुत सारे काम रूके हुए हैं और ऐसे में अधिवक्ता सुनील कुमार भौमिक एवं अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू के नेतृत्व में हस्ताक्षर अभियान चलाकर अधिवक्ताओं की भावनाओं परेशानियों से चेयरमैन को अवगत कराया गया है। अब यह देखना है कि चुनावी प्रक्रिया की शुरुआत कब और कैसे की जाती है

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