जमशेदपुर। जमशेदपुर स्थित तुलसी भवन के प्रयाग कक्ष में बहुभाषीय साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था सहयोग ने गीता की प्रासंगिकता पर एक गोष्ठी का आयोजन किया। मुख्य वक्ता शहर के लोकप्रिय चिकित्सक व गीता के मर्मज्ञ डॉ. सुनील नंदवाणी ने विस्तार से कर्म योग व सांख्य योग का मर्म समझाया और कहा कि मैं कौन हूँ? सुप्त अवस्था में सब कुछ भूल जाते हैं, सपने में हर कुछ सम्भव है। सपना सच है या यथार्थ जीवन सच है? रिश्ते नाते सब बदल जाते हैं। पर मैं नहीं बदलता। कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन का हाथ थामा और उसे समझाया था कि वो कौन है।
गोष्ठी के आरंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सुश्री अचेता ने सस्वर गीता पाठ किया। विषय प्रवेश करते हुए संचालक भोजपुरी और हिन्दी की विदुषी डॉ. संध्या सिन्हा ने आज के सामाजिक जीवन पर प्रकाश डाला और गीता को अत्यंत प्रासंगिक बताया। उन्होंने इस आध्यात्मिक शाम में गीता के गूढ़ रहस्यों को समझने की जरूरत पर प्रकाश डाला।
प्राचार्या प्रोफेसर डॉ.मुदिता चन्द्र ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा आज के। परिप्रेक्ष्य में गीता को दैनिक पाठ की महती आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि कर्म ही गीता है। कर्म का सन्देश देने वाली गीता के कारण ही चंद्रयान 3 चांद पर पहुँच सका।
डॉ. जूही समर्पिता ने नंदवानी को बहुत -बहुत धन्यवाद दिया तथा उनके इस सारगर्भित वक्तव्य के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज भी गीता प्रासंगिक है। हमारे जीवन के कुरुक्षेत्र में हमें डट कर रहना है। टूटना नहीं है अर्जुन की तरह, क्योंकि अब कोई कृष्ण हमें समझाने नहीं आयेंगे।
सभागार में उपस्थित सभी सहयोग के सदस्यों के प्रति और सुधि श्रोताओं का आभार जताया। कार्यक्रम में डॉ. अनिता शर्मा, डॉ. कल्याणी कबीर, छाया रॉय, सुधा गोयल, माधुरी मिश्रा, रेणु बाला मिश्रा, निशि श्रीवास्तव, बृजेंद्र मिश्र बसंत जमशेदपुरी, डॉ पुष्पा कुमारी , शालिनी , अरुणा भूषण , विजय भूषण ,वीणा पांडेय, नीलाम्बर जी , पुष्पांजलि मिश्र, नीरा नंदवानी, पूर्वी घोष अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। डॉ. जूही समर्पिता ने नंदवानी जी को बहुत -बहुत धन्यावाद दिया तथा उनके इस सारगर्भित वक्तव्य के प्रति आभार व्यक्त किया। सभागार में उपस्थित सभी सहयोग के सदस्यों के प्रति और सुधि श्रोताओं का आभार जताया। कार्यक्रम में डॉ. अनिता शर्मा, डॉ. कल्याणी कबीर, छाया रॉय, सुधा गोयल, माधुरी मिश्रा, रेणु बाला मिश्रा, निशि श्रीवास्तव बृजेंद्र मिश्र बसंत जमशेदपुरी, डॉ पुष्पा कुमारी , शालिनी, अरुणा भूषण , विजय भूषण ,वीणा पांडेय, नीलाम्बर जी , पुष्पांजलि मिश्र, नीरा नंदवाणी, पूर्वी घोष रश्मि बारला अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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