जमशेदपुर। बहुभाषीय सहयोग संस्था तथा अलहेरा पुस्तकालय मानगो के संयुक्त तत्वावधान में प्रेमचंद जयंती अलहेरा पुस्तकालय के सभागार में मनाई गई। इस अवसर पर सहयोग की वरिष्ठ सदस्या श्रीमती रेणु बाला मिश्रा के द्वारा नाट्य रूपांतरण "बड़े घर की बेटी " का श्रुति नाट्य प्रस्तुत किया गया। इस नाटक में सहयोग के वरिष्ठ सदस्य सह साहित्यकार डॉ.अरुण सज्जन ने श्रीकंठ सिंह की भूमिका निभाई जब कि ललन शर्मा, लाल बिहारी की, श्रीमती पुष्पांजलि मिश्रा आनंदी की, तथा डी.बी.एम.एस.कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्रथम वर्ष का छात्र मो.शाहनवाज आलम ने बेनी माधव सिंह की भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के आरंभ में सहयोग की अध्यक्ष डॉ.मुदिता चंद्रा, सचिव श्रीमती विद्या तिवारी, मुख्य अतिथि कथाकार जयनंदन, विशिष्ट अतिथि डॉ.शाहिद जमाल, रेणु बाला मिश्रा ने तथा तनवीर अख्तर रूमानी ने प्रेमचंद की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। स्वागत भाषण सहयोग की सचिव श्रीमती विद्या तिवारी ने दिया।
डॉ ज़मील ने प्रेमचंद के साहित्य पर समुचित प्रकाश डाला जब कि डॉ. मुदिता चंद्रा ने प्रेमचंद की कहानियों को आज के परिपेक्ष में बहुत ही प्रासंगिक बताया। उन्होंने आज बड़े घर की बेटी के मंचन करने वाले कलाकारों को भी बधाई दी तथा पंच परमेश्वर और प्रेमचंद की कई कहानियों का उल्लेख भी किया मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ कलाकार कथाकार जयनंदन ने प्रेमचंद की अनेक कहानियों की पंक्तियों से लोगों को अवगत कराया। उन्होंने लोगों को उनकी कहानियों की घटनाओं में वर्तमान की परिस्थितियों से जोड़ा तथा प्रेमचंद को एक अध्याय और साहित्य का एक युग बताया।
इस कार्यक्रम में साहित्यकार डॉ आशुतोष झा, डॉ पुष्पा कुमारी,, शकुंतला पाठक, छाया प्रसाद ,डॉ. सुनील नंदवानी तथा शहर के अनेक बुद्धिजीवी और साहित्य प्रेमी उपस्थित थे। कार्यक्रम में उपस्थित शाहनवाज की माता जी सबीहा खातून को सहयोग की अध्यक्ष ने शॉल ओढ़ा कर सम्मान किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन आफताब अहमद सबही ने किया, जबकि अतिथियों का स्वागत और स्मृति चिन्ह मुस्तफा कमाल ने प्रदान किया जो की लाइब्रेरी के सचिव भी हैं। पूरे कार्यक्रम का संचालन मोहम्मद शाहनवाज कमर ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में पुस्तकालय के सभी छात्रों ने भरपूर सहयोग प्रदान किया।
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