इस मामले को लेकर जगन्नाथपुर के एसडीओ शंकर एक्का की अध्यक्षता में सेल प्रबंधन के साथ त्रिपक्षीय वार्ता भी हुई थी। लेकिन इस वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकला था। इसके बाद एसडीओ ने समाधान हेतु जल्द उपायुक्त के नेतृत्व में बैठक आयोजित करने की बात कही थी। इसके बाद ग्रामीणों ने आर्थिक नाकेबंदी को आगे की तिथि तक के लिए स्थगित कर दिया था। सारंडा पीढ़ के मानकी ने कहा कि एसडीओ के साथ वार्ता हुए लगभग एक सप्ताह बीत गया, लेकिन उपायुक्त के साथ होने वाली बैठक से संबंधित समय अब तक निर्धारित नहीं किया जा सका है।
इससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि सेल प्रबंधन अभी भी उक्त बहाली से जुड़े अपने कार्य को जारी रखे हुए है। सारंडा के ग्रामीण खेती-बाड़ो में भी लगे हैं। ऐसी स्थिति में अगर जल्द उपायुक्त के साथ त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित नहीं होती है तो मजबूरन ग्रामीण पुनः आर्थिक नाकेबंदी की नई तिथि की घोषणा कर उक्त आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि सेल प्रबंधन सारंडा के ग्रामीणों व बेरोजगारों के धैर्य की परीक्षा न ले।
इस बैठक में मानकी लागुड़ा देवगम, गंगदा के मुखिया सुखराम उर्फ राजू सांडिल, छोटानागरा की मुखिया मुन्नी देवगम, छोटानागरा मुंडा बिनोद बारीक, राजाबेड़ा मुंडा जामदेव चाम्पिया, चिड़िया मुंडा विजय सिंह लागुरी, विनुवा मुंडा ब्रजमोहन चेरोवा, लोड़ो मुंडा मंगल सुरीन, करमपदा मुंडा राजेश, टीमरा मुंडा गाजी सुरेन, लेम्ब्रे मुंडा लेबेया देवगम, कुम्बिया मुंडा सोमा चाम्पिया, सागजुड़ी एवं समठा मुंडा जगमोहन गुड़िया, समाज सेवी मंगल कुम्हार, सुशेन गोप, मानसिंह चम्पिया समेत सारंडा के विभिन्न गांवों के मुंडा व ग्रामीण उपस्थित थे।
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