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जहाँ विज्ञान की पढ़ाई नहीं होती वहां विज्ञान के शिक्षकों की है पदस्थापना, Science teachers are posted where science is not taught.



कोल्हान विश्वविद्यालय में शिक्षकों की पदस्थापना में भारी अनियमितता 

गुवा । कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों में शिक्षकों की पदस्थापना इन दिनों सवालों के घेरे में है। जहाँ जो शिक्षक चाहिए वहां शिक्षक हैं नहीं, और जहाँ शिक्षक की जरुरत नहीं वहां उस विषय के शिक्षक जबरन लगा दिया गया है। इसका सीधा असर कॉलेज में पढने वाले छात्र छात्राओं पर पड़ रहा है। छात्र-छात्राओं को उनके विषय के शिक्षक नहीं मिलने के कारण उनकी पढ़ाई अंधकार में चली गयी है।

उदाहरण स्वरूप कोल्हान विश्वविद्यालय के जगन्नाथपुर डिग्री को ले लीजिये। इस कॉलेज में कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय के शिक्षकों की नियुक्ति तो कर दी गयी है, लेकिन इस कॉलेज में आज तक विज्ञान संकाय में पढ़ाई शुरू नहीं हुई। हैरत की बात देखिये कॉलेज अब तक जितने भी प्रोफेसर इंचार्ज नियुक्त किये गए सभी विज्ञान संकाय के ही प्रोफ़ेसर हैं। जुलाई 2017 से देखें तो पहले प्रोफ़ेसर इंचार्ज डॉ केएन प्रधान गणित के, उसके बाद यूके चौधरी भौतिक विज्ञान और उसके बाद अब रसायन शास्त्र के प्रोफ़ेसर विकास मिश्रा को जगन्नाथपुर डिग्री कॉलेज का प्रोफ़ेसर इंचार्ज बनाया गया है।

इस कॉलेज में जहाँ कॉमर्स और कला संकाय के शिक्षकों की जरूरत है, वो शिक्षक यहाँ के छात्रों को नहीं मिल रहे हैं। नतीजा यह है की यहाँ पढने वाले ज्यादातर आदिम जनजाति के छात्रों की पढाई अंधकार में जा रही है। कोल्हान विश्वविद्यालय को इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है की कौन से शिक्षकों की कमी किस कॉलेज में है और किस कॉलेज में शिक्षक बिना किसी के काम के कुर्सियां तोड़ रहे हैं और मोटा वेतन वसूल रहे हैं। मालूम रहे की जगन्नाथपुर डिग्री कॉलेज में फिलहाल तक़रीबन 1000 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। कॉलेज में इतिहास, पॉलिटिकल साइंस, कॉमर्स और हिंदी बेस शिक्षक की जरूरत है।

हिंदी विषय के लिए शिक्षक की एक पद स्वीकृत है, लेकिन दो शिक्षक कार्यरत हैं। अर्थशास्त्र में एक भी शिक्षक मौजूद नहीं हैं, जबकि छात्रों की संख्या बहुत बड़ी है। छात्र परीक्षा की तैयारी बहुत मुश्किल से कर पाते हैं। छात्र छात्राओं के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है की उनकी आन्तरिक परीक्षा कैसे होगी जब शिक्षक ही ही मौजूद नहीं हैं। जगन्नाथपुर के एक भौतिक विज्ञान के शिक्षक एसबी कॉलेज चांडिल डेपुटेशन पर हैं।

इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों की सही जगह ट्रांसफर पोस्टिंग की जरुरत है। यह मामला सिर्फ जगन्नाथपुर डिग्री कॉलेज का नहीं है, बल्कि कोल्हान विश्वविद्यालय के लगभग सभी अंगीभूत कॉलेजों का यही हाल है। मनोहरपुर डिग्री कॉलेज में विज्ञान की पढ़ाई नहीं होती, लेकिन वहां एक बॉटनी के शिक्षक की पदस्थापना दो साल से है। अब ये शिक्षक वहां छात्र छात्राओं को क्या पढ़ाते होंगे, क्या करते होंगे आप खुद समझ सकते हैं।

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