गुवा। बोकारो स्टील प्लांट के एडमिन ब्लॉक में झारखण्ड ग्रुप ऑफ़ माइंस सभी खदानों के भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधियों के साथ प्रबंधन के कार्यकारी निर्देशक (माइंस ) एवं कार्यकारी निर्देशक (कार्मिक) की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। सेल के सभी खदानों के प्रतिनिधियों ने इसमें हिस्सा लिया। इसमें गुवा चिरिया खान श्रमिक संघ के गुवा इकाई के महामंत्री विजय तियू, अध्यक्ष ब्रज भूषण लाल, संगठन मंत्री समीर पाठक एवं कोषाध्यक्ष नेहरू केशरी गुवा खदान का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
संघ ने मज़बूती से मुख्य 4 बिन्दुओ पर अपनी मांगे रखी। जिसका जवाब प्रबंधन ने सकारात्मक दिया। पहली बिंदु में ठेका श्रमिकों को रिफंडएबल ऋण दिलाने पर विशिष्ट चर्चा हुई। जिस पर प्रबंधन ने बर्णपुर प्रोविडेंट फण्ड ट्रस्ट से वार्ता कर इसका प्रावधान करने की बात कही। ठेका श्रमिकों के आवास के सिविल रिपेयर कार्य की भी चर्चा की गयी। संघ ने गुवा के कर्मचारियों के पीएफ को बर्णपुर से हटाकर बोकारो पीएफ ट्रस्ट मे मर्ज करने की भी मांग रखी। जिस पर प्रबंधन द्वारा कहा गया की इस पर कार्य चल रहा है एवं जल्दी ये कार्य भी हो जायेगा।
डाउनग्रेड प्रमोशन पालिसी को खदानों के अनुरूप ढालने एवं सभी विभागों में प्रमोशन पालिसी का लाभ देने की दिशा मे आगे चर्चा करने की बात कही एवं निश्चित ही कुछ करने को ले कर सकारात्मक संकेत दिए। बोकारो स्टील सिटी में खदानों के कर्मचारियों को लाइसेंस बेसिस पर क्वार्टर आवंटन की मांग को प्रबंधन ने मान लिया और ये भी कहा की जिन कर्मचारियों के बच्चे बोकारो मे पढ़ना चाहते हैँ उनको वहा आवास भी आवंटित किया जायेगा। गुवा चिड़िया खान श्रमिक संघ ने गुवा में + 2 स्तर के कोचिंग सेंटर खोलने की बात कही, किन्तु प्रबंधन इसमें संघ को ही पहल करने की बात कही।
खदान क्षेत्र में आरएफआईडी आइडेंटिटी कार्ड बनाने की बात कही, परन्तु बीएमएस ने इसपर अपनी सहमति देने से साफ मना कर दिया। संघ के अध्यक्ष ब्रज भूषण लाल ने अपरेंटिस किये हुए बच्चो को बहाली मे प्राथमिकता देने की बात कही, मगर प्रबंधन ने कहा की ठेका कार्यों में उनको प्राथमिकता दिया जा सकता है किन्तु बहाली मे नहीं। उत्पादन बढ़ाने एवं सुरक्षा को लेकर भी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गयी। इस बैठक से गुवा के सप्लाई मज़दूरों को खास लाभ मिलने एवं श्रमिकों को डाउनग्रेड प्रमोशन का लाभ दिलाने की बात को महामंत्री विजय तियू ने कही और ये भी बताया की अगर प्रबंधन अपने किये गए वादे से पीछे हटता है तो उचित एवं संबैधानिक तरीको से मज़दूरों को उनका हक़ दिलाया जायेगा।
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