गुवा। 17-18 नवम्बर की रात सारंडा के छोटानागरा थाना अन्तर्गत होलोंगउली गांव क्षेत्र के समीप जंगल में पुलिस व नक्सलियों के बीच आमना-सामना होते-होते बच गया। ग्रामीण सूत्रों के अनुसार पुलिस व सीआरपीएफ के जवान नक्सलियों की तलाश करते हुये 17 नवम्बर की रात उक्त जंगल में पहुंचे थे। वहां पुलिस जंगल में शरण ली थी, ठीक उसी स्थान से महज एक किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ी के दूसरी तरफ नक्सलियों का 20-25 सदस्यीय दस्ता शरण लिये हुए था। अगर पुलिस थोडी आगे बढ़ी होती तो शायद दोनों के बीच भीषण मुठभेड़ हो गई होती या फिर नक्सली आगे पहाड़ी की तरफ भाग गये होते।
सूत्रों का कहना है कि शनिवार को भी उसी पहाड़ी पर नक्सली हैं एवं मांस आदि पका कर खाने की तैयारी में हैं। दूसरी तरफ सारंडा जंगल से नक्सलियों को खदेड़ भगाने के उद्देश्य से 18 नवम्बर की सुबह छोटानागरा में भारी तादाद में सीआरपीएफ व झारखण्ड पुलिस के पदाधिकारी व जवानों की तैनाती की गई है। इन जवानों को सारंडा जंगल के विभिन्न क्षेत्रों में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में लगाया जायेगा, हालांकि पिछले कुछ दिनों से सारंडा में तैनात जवान नक्सलियों के खिलाफ निरंतर ऑपरेशन चला रहे हैं।
इसी ऑपरेशन के दौरान पुलिस व नक्सली एक-दूसरे के काफी करीब पहुंच गये थे, लेकिन मुठभेड़ नहीं हुई। 17 नवम्बर को सीआरपीएफ व झारखण्ड पुलिस के उच्च अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक किरीबुरु स्थित सीआरपीएफ कैम्प में हुई थी। इस बैठक में डीआईजी अजय लिंडा, डीआईजी इन्द्रजीत महथा आदि अधिकारी शामिल थे। बैठक के बाद शनिवार को काफी संख्या में जवानों की तैनाती सारंडा जंगल में की गई है। इन नक्सलियों को ग्रामीणों का सहयोग नहीं मिल रहा है।
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