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27 वां श्री श्याम जन्मोत्सव पर श्री श्याम कला भवन चांडिल द्वारा निकाली गई भव्य निशान यात्रा , Grand Nishan Yatra taken out by Shri Shyam Kala Bhawan Chandil on the 27th Shri Shyam Janmotsav


चांडिल।  सराइकेला खरसावां जिला के श्री श्याम कला भवन चांडिल द्वारा 27 वां श्री श्याम जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर चांडिल बाजार में भव्य निशान यात्रा निकाली गई। इस दौरान प्रभु के भजन से चांडिल का वातावरण भक्तिमय हो गया। इस मौके पर श्री श्याम कला भवन चांडिल के अध्यक्ष संजय चौधरी ने कहा कि हिंदू धर्म के अनुसार खाटू श्याम जी ने द्वापरयुग में श्री कृष्ण से वरदान प्राप्त किया था कि वे कलयुग में उनके नाम श्याम से पूजे जाएँगे। 

बर्बरीक जी का शीश खाटू नगर (वर्तमान राजस्थान राज्य के सीकर जिला) में दफ़नाया गया इसलिए उन्हें खाटू श्याम बाबा कहा जाता है। धार्मिक कथा के अनुसार एक गाय उस स्थान पर आकर रोज अपने स्तनों से दुध की धारा स्वतः ही बहाती थी। बाद में खुदाई के बाद वह शीश प्रकट हुआ, जिसे कुछ दिनों के लिए एक ब्राह्मण को सौंप दिया गया। एक बार खाटू नगर के राजा को स्वप्न में मंदिर निर्माण के लिए और वह शीश मंदिर में सुशोभित करने के लिए प्रेरित किया गया।

तत्पश्चात उस स्थान पर मंदिर का निर्माण किया गया और कार्तिक माह की एकादशी को शीश मंदिर में सुशोभित किया गया। जिसे बाबा श्याम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। मूल मंदिर 1027 ई. में रूपसिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कँवर द्वारा बनाया गया था। मारवाड़ के शासक ठाकुर के दीवान अभय सिंह ने ठाकुर के निर्देश पर 1720 ई. में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया।

 

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