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ओवरब्रिज में लाईट मरम्मत कार्य के दौरान हादसा, बाल बाल बचे मजदूर और राहगीर, Accident during light repair work in overbridge, laborers and pedestrians narrowly escaped


ठेकेदार चंद पैसे बचाने के लिए बिना सेफ्टी बेल्ट खतरे में डाल करा रहे मजदूरों से काम

चक्रधरपुर। पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर के रेलवे ओवर ब्रिज में मंगलवार को एक हादसे में दो मजदूरों के साथ-साथ सड़क से गुजर रहे राहगीरों की जान बाल बाल बच गयी। इस घटना में जहाँ हाइड्रा का ब्रेक फेल हो गया और मजदूर हाइड्रा के डाला में फंस गए। वहीं रेस्क्यू के बाद हाइड्रा का डाला 50 फीट की उंचाई से सीधे नीचे सड़क पर जा गिरा। घटना दिन के तीन बजे की बताई जा रही है। घटना के पीछे ठेकेदार द्वारा सुरक्षा मानकों का अनुपालन नहीं करना बताया जा रहा है। घटना के बाद रेलवे ओवरब्रिज में अफरा तफरी का माहौल बना रहा।


जानकारी के मुताबिक मंगलवार को हाइड्रा में डाला लगाकर राम साईं इंटरप्राइजेज जमशेदपुर ठेकेदार द्वारा रेलवे ओवरब्रिज की लाईट को ठीक किया जा रहा था। डाला में दो मजदूर बैठे हुए थे। काम के दौरान अचानक हाइड्रा का ब्रेक फेल होने से फंस गया। जिससे मजदूर ऊंचाई में फंस कर रह गए। जिसके बाद मजदूरों को सुरक्षित नीचे लाने के लिए दूसरा हाइड्रा रेलवे ओवर ब्रिज पर मंगवाया गया।

मौके पर दूसरा हाइड्रा पहुंचा और दोनों मजदूरों को एक-एक कर सुरक्षित नीचे उतार लिया गया, लेकिन इसके बाद जैसे ही ब्रेक फेल वाले हाइड्रा को संचालित करने की कोशिश की गयी। हाइड्रा की चोटी पर लगाया गया डाला 50 फीट नीचे प्रभात सिनेमा हॉल से भारत भवन को जोड़ने वाली सड़क पर जा गिरा। डाला में अगर मजदूर मौजूद रहते तो यह एक बड़ा हादसा हो जाता। वहीं डाला के नीचे गिरने के दौरान टोटो समेत कई वाहन भी डाला की चपेट में आने से बाल बाल बच गए।

इस हादसे में कई लोग डाला की चपेट में आने से बाल बाल बच गए। इसका मुख्य कारण ठेकेदार द्वारा जरुरी सुरक्षा के इंतजाम को नहीं किया जाना और उसका अनुपालन नहीं करना बताया जा रहा है। मजदूरों को भी ठेकेदार के द्वारा कोई सेफ्टी किट मुहैया नहीं की गयी थी। मजदूर के सिर पर हेलमेट और शरीर पर बेल्ट नजर नहीं आया। जिस तरह से मजदूर से उनकी जान जोखिम में डालकर काम लिया जा रहा था वह मजदूर की जान से खिलवाड़ से कम नहीं था।

मालूम रहे की इसी तरह ब्रिज में काम करते हुए कुछ दिन पहले सिंहपोखरिया स्टेशन में एक मजदूर की मौत हो गयी थी। लगातार इस तरह के हादसे सामने आ रहे हैं, लेकिन ठेकेदार मजदूर की जान खतरे में डालकर उनसे काम लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। श्रम विभाग भी मजदूरों की सेफ्टी को लेकर कोई उचित कदम नहीं उठाती है।  ठेकेदार चंद पैसे बचाने के लिए मजदूर की जान खतरे में डाल रहे हैं। जानकारी मिली है की रांची के एक ठेका कम्पनी के द्वारा लाईट लगाने के साथ मरम्मत की जा रही थी, लेकिन ठेकेदार बाद में काम करने से साफ मना कर दिया। इसके बाद नगर परिषद द्वारा लाइट की मरम्मती के कार्य करने के लिए निविदा निकला गया था। जिसमें चक्रधरपुर सहित जमशेदपुर के ठेकेदार द्वारा निविदा फॉर्म भरा था। 

इसके बाद राम साईं इंटरप्राइजेज जमशेदपुर ठेकेदार को छठ पूजा के बाद  लाईट मरम्मत का कार्य आवंटित किया गया था। काम शुरू किया गया, लेकिन सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। एनएच 75 सड़क मार्ग में बने इस रेलवे ओवरब्रिज हजारों वाहन रोजाना आवागमन करते हैं ऐसे में सुरक्षा का ध्यान नहीं दिया गया तो मरम्मत के दौरान बड़ा हादसा हो सकता है। अब देखना है होगा कि ठेकेदार पर कार्रवाई किया जा रहा है। इधर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राहुल कुमार यादव घटना का खबर पाकर घटनास्थल पहुंचे। जहां कई दिशा निर्देश दिया. लेकिन सुरक्षा के सवाल पर उन्होंने भी चुप्पी साध ली।

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