घाटशिला। राज्य में उत्पन्न संवैधानिक संकट, अखंठ भ्रष्टाचार एवं ध्वस्त विधि व्यवस्था के खिलाफ गुरुवार को भाजपा पूर्वी सिंहभूम जिला अध्यक्ष सौरभ चक्रवर्ती के नेतृत्व में गुरुवार को घाटशिला अनुमंडल कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय आक्रोश प्रदर्शन का आयोजन किया गया. राज्य सरकार पर विभिन्न आरोप लगाते हुए भाजपाइयों ने महामहिम राज्यपाल के नाम अनुमंडलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा।
इस मौके पर बहरागोड़ा के पूर्व विधायक सह प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी झारखंड सरकार के खिलाफ जमकर बरसे. मौके पर नेताओं ने कहा कि हेमंत सरकार की 4 वर्षों की नाकामियों, वादाखिलाफी ने आम जनता, युवा, महिला, किसान, दलित, आदिवासी सभी वर्गों को आंदोलन के लिए मजबूर किया है। राज्य की जनता न सिर्फ सडक, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का संकट झेल रही, बल्कि भय और आतंक में भी जी रही है। राज्य में आए दिन, हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार, चोरी, डकैती की घटनाएं अखबारों की सुर्खियां बनी हुई है।
अपराधियों का मनोबल इस कदर बढ़ा है कि वे जेल में भी हत्या करने में सफल हो रहे हैं। व्यापारियों द्वारा सुरक्षा मांगने पर भी सरकार सुरक्षा देने में नाकाम है। उनकी हत्याएं हो जा रही है। पुलिसकर्मी भी सुरक्षित नहीं है। सत्ता ने भ्रष्टाचार में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। खान, खनिज, बालू, पत्थर, जमीन की लूट के साथ अब तो आजाद भारत के सबसे बड़े कैश कार्ड का गवाह झारखंड बन गया। ध्वस्त विधि व्यवस्था, आकंठ भ्रष्टाचार के कारनामों के बीच राज्य में संवैधानिक संकट की स्थिति बन गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के संरक्षण और संवर्धन के गंभीर आरोप लग रहे हैं. राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ ईडी की कार्रवाई में स्वयं मुख्यमंत्री घिरे हैं।
राज्य के कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जेल में बंद हैं। एक ओर जहां ईडी ने पुख्ता सबूतों के साथ भ्रष्टाचार में संलिप्त पदाधिकारियों, बिचौलिया, दलालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखे हैं, वहीं मुख्यमंत्री इस पर कार्रवाई करने की जगह उस पर कुंडली मारकर बैठे हैं। नेताओं ने कहा कि इतना ही नहीं अब तो मुख्यमंत्री ने सभी संवैधानिक मर्यादाओं को ठेंगा दिखाया है। ईडी द्वारा उनसे पूछताछ केलिए छह समन भेजा जा चुका है, लेकिन वे पूछताछ से लगातार भाग रहे हैं।
उनके द्वारा जांच एजेंसियों के खिलाफ रोज रोज दिए जा रहे बयानों ने संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार कर दिया है। जब राज्य का मुख्यमंत्री कानून का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन करने लग जाए तो फिर आम जनता से कानून पालन करने की बात यह सरकार कैसे कर सकती है। भाजपा राज्य के इन हालातों पर लगातार सजग प्रहरी की भांति अपनी भूमिका का निर्वहन कर रही है। जनता की भावनाओं को पार्टी सड़क से सदन तक उजागर कर रही है। जनसमर्थन से हम सब लगातार व्यापक संघर्ष और आंदोलन कर रहे हैं।
राज्य हित में उपर्युक्त परिस्थितियों के आलोक में अविलंब विधि सम्मत कार्रवाई करने के लिए महामहिम राज्यपाल से आग्रह किया गया। इस अवसर पर भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने उपराष्ट्रपति का मजाक बनाया है वह निंदनीय है. बाबूलाल मरांडी को चार वर्ष से बोलने का मौका नही दिया गया जो की देश में पहली घटना है। जहां लोकतंत्र को ताक में रख कर इस तरह का कार्य किया जा रहा है।
नियोजन नीति को लेकर वर्तमान सरकार सिर्फ खिलवाड़ कर रही है। युवा और जनता को गुमराह कर सिर्फ सत्ता को पाना ही इनका प्रमुख लक्ष्य है। खनिज घोटाला अब शायद देश का सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा ऐसा प्रतीत होता है। युवाओं को नौकरी देने के लिए परीक्षा भी लेने में असमर्थ है ये वर्तमान सरकार सहयोगी दल के नेता के पास इतना काला धन कहां से आया है। इस पर एक भी वक्तव्य नही आया है मुख्यमंत्री का जो की कहीं न कहीं उनके गलत मंशा को दिखाती है। सरकार बाहरी भीतरी का खेल निश्चित तौर पर खेलेगी जिससे जनता भावनात्मक कार्ड के जरिए उनके दल को वोट करे।
इस मौके पर घाटशिला के पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू ने कहा कि आजाद भारत में लोकतंत्र का माखौल उड़ाने में राज्य की सरकार अहम भूमिका निभाई है। पिछले चार सालों में भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को सदन में अपनी बात तक रखने का मौका नही दिया गया है। झूठ और भ्रम के माध्यम सत्ता में आई सरकार को अविलंब बर्खास्त करना चाहिए। न विकास न सुरक्षा न महिलाओं का सम्मान और सुरक्षा हर क्षेत्र में हेमंत सोरेन असफल हुए है। हेमंत सोरेन अपने कर्मो को छुपाने के लिए अपने समुदायों के बीच जाकर ये भ्रम फैला रहें है की हमको परेशान कर रहा है झूठा इल्जाम लगाया जा रहा है।
राज्य सरकार हमेशा केंद्र सरकार पर अपना ठीकरा फोड़ रही है चाहे वो कोरोना काल हो या गरीब कल्याण योजना हो केंद्र की ही भूमिका झारखंड में हमेशा से अधिकाधिक रही है। पिछले पांच साल का हिसाब हेमंत सोरेन को जनता के बीच रखना चाहिए। स्थानीय नीति, नियोजन नीति पर अपने मंशा को स्पष्ट करें हेमंत सरकार. राज्य सरकार ने 1932 के हुबहू बिल को वापस भेजा गया, ताकि लोगो को कहा जा सके की केंद्र सरकार इस पर कोई काम नही कर रही है और दोष मड़ा जा सके. वर्तमान सरकार रोजगार देने के बजाय रोजगार फसाने और उलझाने का काम किया है जिला स्तरीय नौकरी को भी बोर्ड तक ले जाने के काम किया है।
जिससे स्थानीय जिला के लोगों को नौकरी मिलने में परेशानी हो रही है। अबुआ आवास के नाम पर भोली भाली जनता को ठगने का काम हेमंत सोरेन ने किया है। जहां एक तरफ बालू का दाम आसमान छू रहे है वहीं आवास के लिए प्रदत निर्धारित राशि भी अपर्याप्त है इससे आवास बना पाना काफी मुश्किल है। इस मौके पर मुख्य रूप से पूर्व प्रत्याशी लखन मार्डी जिला पार्षद देवयानी मुर्मू, सुभाष सिंह, रंगलाल महतो, कौशिक कुमार, लक्ष्मण राव, साकेत अग्रवाल, रामदेव हेंब्रम, नौशाद अहमद, संजय तिवारी, संजय अग्रवाल, विजय पांडेय, निर्मल दुबे, हिमांशु मिश्र, हीरा सिंह, साधन मल्लिक, मनोज प्रताप सिंह, सुरेश माहली, पोल्टू सरदार, तुषार पातर, राहुल पांडेय, बिमल कालिंदी, दिलीप पुराण, रोहित सिंह, शतदल महतो, विनय भकत, विश्वजीत पांडा, बुद्धेश्वर मार्डी, विश्वनाथ बेहरा, ब्रजेश सिंह, हरप्रीत सिंह, राजा राम महतो, दीपक दंडपात, गोपाल पटनायक, बीजू मिश्रा, जितेन महतो, मुचिराम गिरी, ममता महतो, सुरेश महाली समेत काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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