रांची। मनी लॉन्ड्रिंग की आरोपी निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की जमानत अर्जी पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच में सुनवाई हुई। पूजा सिंघल की ओर से वरीय अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने बहस की। वहीं ED की ओर से ASG (असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल) एस वी राजू ने अपना पक्ष रखा।
सुनवाई के दौरान ED के अधिवक्ता ने शीर्ष अदालत को बताया कि पूजा सिंघल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में निचली अदालत में दो महत्वपूर्ण गवाहों का बयान दर्ज हो गया है, लेकिन चुनाव ड्यूटी में कार्यरत रहने के कारण एक गवाह का बयान फिलहाल दर्ज नहीं हो सका है। जिसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 दिसंबर की तिथि निर्धारित कर दी।
बता दें कि पूजा सिंघल ने इसी साल 12 अप्रैल को रांची ED की विशेष कोर्ट में सरेंडर किया था। तब से वह बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद है। झारखंड के खूंटी में हुए मनरेगा घोटाला मामले में ईडी ने पूजा सिंघल को 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। इसी केस में उनके पति अभिषेक झा भी आरोपी हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अग्रिम बेल दे दी थी।
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