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रामगढ़ आश्रम हाता का 56 वां वार्षिक महायज्ञ अनुष्ठान सह पांच दिवसीय अखंड हरिनाम संकीर्तन 24 फरवरी से, Ramgarh Ashram Hata's 56th annual Mahayagya ritual cum five-day Akhand Harinam Sankirtan from 24th February,


हाता।
 हरवर्ष की भांति इस वर्ष भी प्राचीन गुरुकुल रामगढ़ आश्रम हाता में 56 वां पांच दिवसीय महा यज्ञानुष्ठान सह अखंड हरिनाम संकीर्तन 24 फरवरी से शुरू हो रहा है। यह जानकारी आश्रम के अध्यक्ष सुधांशु शेखर मिश्रा और सचिव अनिरुद्ध गोप ने दी। गंधाधिवास 23 फरवरी को होगी। 24 फरवरी को सुबह कलश यात्रा के साथ यज्ञ और हरिनाम संकीर्तन शुरू होंगे। 29 फरवरी को पूर्णाहुति, नाम भंग, यज्ञोपवीत संस्कार, महाप्रभु की भोग आरती होगी। 

इस वर्ष हरिनाम संकीर्तन में रास बिहारी दास गोस्वामी  कीर्त्तन सम्प्रदाय पुरुलिया, श्रीश्री गोविंद सम्प्रदाय कालिकापुर, जय निताई कीर्तन सम्प्रदाय बांकुड़ा, श्रीश्री राधा गोविंद कीर्तन सम्प्रदाय घाटशिला, जगबंधु दास गोस्वामी सोनाहातू, शिव राम दास गोस्वामी नीमडीह, श्रीश्री राधा कृष्ण सम्प्रदाय मेदनीपुर, हरेन चंद्र दास वागमुंडी कीर्त्तन मंडलियों ने भाग लेंगे।रामगढ़ आश्रम का संस्थापक ब्रह्मलीन श्रीश्री 108 वालक दास बाबाजी है।


जिन्होंने सन 1966 को आश्रम की स्थापना की है। 1968 साल से यज्ञानुष्ठान और अखंड हरिनाम संकीर्तन प्रतिवर्ष माघी पूर्णिमा में आयोजन किया जाता है। अभी विष्णु यज्ञ चल रहा है। इसके पूर्व बिष्णु यज्ञ, चंडी यज्ञ, रुद्र यज्ञ, गीता यज्ञ हो चुके हैं। एक यज्ञ 12 साल तक चलता है। आज के समय में हरिनाम संकीर्तन तो होता है, लेकिन यज्ञ बहुत कम होता है। विश्व शांति के लिए यज्ञ किया जाता है। वर्तमान इसका संचालन रामगढ़ आश्रम कमेटी कर रही है।इसके अलावे श्रीश्री 108 श्री हरिहर बाबा का आशीर्वाद भी साथ में है।

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