गुवा। सेल की मेघाहातुबुरु खदान के सेलकर्मियों एवं मेघाहातुबुरु प्रबंधन के सीजीएम आर पी सेलबम, महाप्रबंधक (पीएंडए) विकास दयाल, सेल अस्पताल किरीबुरु-मेघाहातुबुरु के सीएमओ डा0 एम कुमार, सहायक महाप्रबंधक आलोक वर्मा, अभिजीत कुमार, बी राजू बेलन के साथ हुई वार्ता के बाद अपना आंदोलन खत्म कर काम पर लौट गये। सेलकर्मियों का यह आंदोलन संयुक्त मोर्चा के बैनर तले 9 जनवरी की सुबह लगभग 9.30 बजे से शाम लगभग 4 बजे तक चला। इस दौरान खदान का उत्पादन व माल ढुलाई कार्य पुरी तरह से ठप रहा। सेलकर्मियों के इस आंदोलन से मेघाहातुबुरु प्रबंधन को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
दूसरी ओर, सड़क दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल जिस सेलकर्मी बब्लू पान का इलाज मामले को लेकर सेल की मेघाहातुबुरु खदान में सेलकर्मियों ने हड़ताल की उसकी भुवनेश्वर के अमरी अस्पताल में इलाज के दौरान मंगलवार की शाम सवा पांच बजे मौत हो गई। इस घटना की खबर से मेघाहातुबुरु एवं किरीबुरु के सेलकर्मियों में भारी निराशा व सेल की अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश है। सेलकर्मियों का संयुक्त मोर्चा के मजदूर नेताओं ने बताया की अचानक आंदोलन पर जाने का मुख्य वजह सेल की अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनके चिकित्सा सुविधाओं में बेवजह परेशानी खडा़ किया जाना था। पहले कार्य स्थल से बाहर किसी शहर में सेलकर्मी या उनके आश्रित की अचानक तबियत खराब होने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कर वहां से सीधे सेल के सम्पर्क वाले बडे़ अस्पतालों में बेहतर इलाज हेतु मरीजों को रेफर किया जाता था।
जिससे मरीजों की जान बचती थी। लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने वर्तमान में उस नियम को बदल दिया है। और यह कह रही है कि अगर कोई सेलकर्मी या उनके आश्रित बाहर में बीमार पड़ता है अथवा दुर्घटनाग्रस्त होता है तो उसे यथावत स्थिति में सशरीर पहले किरीबुरु अस्पताल लाना होगा। यहां मरीज की स्थिति को देखने के बाद हीं बडे़ अस्पतालों में रेफर किया जायेगा। यह विवाद मेघाहातुबुरु के सेलकर्मी बब्लू पान के ओडि़सा में 7 जनवरी की शाम दुर्घटनाग्रस्त होने से जुडी़ मामले को लेकर बढा़। बब्लू पान को दुर्घटना के बाद परिजन पहले क्योंझर ले गये, जहां से गंभीर स्थिति को देखते हुये भुवनेश्वर ले गये। बब्लू पान की स्थिति गंभीर बनी हुई है। अपोलो अस्पताल में जगह नहीं मिलने के बाद उसे 8 जवरी की सुबह भुवनेश्वर का अमरी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन किरीबुरु अस्पताल प्रबंधन उस अस्पताल को इलाज हेतु रेफर लेटर देना नहीं चाह रहा था। यह कहा जा रहा था की बीएसएल अस्पताल के सीएमओ ने मौखिक रुप से ऐसे मामलों में रेफर लेटर नहीं देने का निर्देश दिया था। बाद में अस्पताल प्रबंधन ने बब्लू का इलाज हेतु 8 जनवरी की शाम अमरी अस्पताल प्रबंधन को मेल भेजा।
इससे पहले भी दो बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। मजदूर नेताओं ने कहा कि आज सीएमओ द्वारा यह कहा जा रहा है कि हमें नया कोई सर्कुलर नहीं आया था बल्कि बोकारो के सीएमओ से मौखिक आदेश मिला था, जिस वजह से ऐसा हुआ। सेलकर्मियों ने कहा कि अभी सीजीएम के कहने पर हड़ताल खत्म किये हैं। आज रात 7 बजे से मेघालय गेस्ट हाउस में बोकारो एवं किरीबुरु-मेघाहातुबुरु जेनरल अस्पताल के सीएमओ के साथ हमारी वार्ता इस मामले में होगी। अगर वार्ता सम्मानजनक नहीं हुआ तो पुनः हमारा हड़ताल प्रारम्भ हो जायेगा। आज मेघाहातुबुरु प्रबंधन को हड़ताल की वजह से हुआ नुकसान के लिये किरीबुरु-मेघाहातुबुरु एवं बोकारो अस्पताल प्रबंधन मुख्य रूप से जिम्मेदार है।
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