सारंडा के तमाम गांव पहले से ही बेरोजगारी व पलायन का दंश झेल रही है। सारे खदान बंद कर दिये गये हैं। रोजगार का कोई साधन नहीं है। सरकारी राशन मिलने से परिवार को भोजन मिलता था लेकिन वह भी पिछले आठ माह से नहीं मिला है। विभाग मौन बैठी है। हमारे सामने भूखमरी की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि दोदारी जल मीनार से ममार व चुर्गी गांव तक पानी आ रहा है, लेकिन कुम्बिया व छोटा जामकुंडिया में नहीं आ रहा है। जबकि उक्त योजना के तहत पंचायत के सभी 14 गांवों में हर घर में पानी कनेक्शन देना था। यह कार्य अधूरा छोड़ भारी भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। बैठक में संग्राम चेरवा, पाण्डुराम सुरीन, सेलाय सुरीन, दुलमु चाम्पिया, पाईकेराय पुरती, मदन सुरीन आदि के अलावे महिलाएं भी शामिल थी।
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